दक्षा वैदकर।।
भाई साहब यह मकान नंबर किस तरफ आयेगा? भैया, दायीं तरफ सीधे चले जाओ. यार इस शब्द की स्पेलिंग क्या है? इसकी स्पेलिंग तो यह है. किसी ने इस तरह का सवाल पूछा और बस हमने बोल दिया. रास्ता पता हो या न पता हो, स्पेलिंग पता हो या न पता हो, लेकिन बोलना तो जरूरी है. हम यह गलती से भी नहीं कहना चाहते हैं कि मुङो नहीं पता है. आप किसी और से पूछ लें. हमें लगता है कि लोग क्या सोचेंगे, इसे यह छोटी-सी चीज भी नहीं पता. लोगों के सामने हम अपनी छवि ठीक करने के लिए कई बार गलत जानकारी दे देते हैं. कई लोग इस आदत को गलत भी नहीं मानते.
एक स्कूल स्टूडेंट ने अपना वाकया बताया. उसने बताया कि परीक्षा के पहले दिन वह अपने सेंटर पहुंचने के लिए दो घंटे पहले घर से निकला. रास्ते में उसने एक पान की दुकान वाले से उस स्कूल का पता पूछा. दुकान वाले ने कहा कि इस रास्ते पर सीधे चले जाओ. हनुमान मंदिर से दायें मुड़ जाना और वह स्कूल आ जायेगा. बच्चे को उस जगह पर पहुंचने में आधा घंटा लगा और तब जाकर स्कूल आया, लेकिन यह स्कूल उसका सेंटर नहीं था. यह तो कोई और ही स्कूल था.
अब उसने किसी दूसरे सज्जन से रास्ता पूछा. सज्जन ने कहा, जिस दिशा से आये हो, उसी दिशा में स्कूल था. वापसी के रास्ते में उस पानवाले की दुकान दोबारा आयी, तो बच्चे ने उसे बताया कि भैया आपने गलत स्कूल पहुंचा दिया. वह बेशर्मी से हंसते हुए बोला, यार हमें पता नहीं था कि तुम कौन-सा स्कूल पूछ रहे हो. जो स्कूल पता था, सो हमने बता दिया. बच्चे ने बिना बहस किये सही रास्ता पकड़ा और एग्जाम सेंटर पहुंचा. वह पांच मिनट भी लेट होता, तो उसे परीक्षा देने में परेशानी का सामना करना पड़ता.
दुकानवाले भैया की गलती की वजह से बच्चे को कितना नुकसान होता, इसका अंदाजा हम नहीं लगा सकते. अगर आपको भी ऐसे ही बिना जानकारी के ज्ञान देने की आदत है, तो कृपया इसे खुद तक सीमित रखें. अपनी झूठी शान बनाये रखने के लिए दूसरों का वक्त बरबाद न करें. उन्हें नुकसान न पहुंचाएं.
बात पते की..
कोई बात नहीं पता है, तो साफ-साफ कह दें कि मुङो नहीं पता है. क्योंकि अगर आपने गलत जानकारी दे दी, तो अपनों का नुकसान हो सकता है.
गलत जानकारी देते वक्त अगर आपको किसी ने पकड़ लिया या सुन लिया तो आपको बड़ी शर्मीदगी का सामना करना भी पड़ सकता है.