नयी दिल्ली. 16वीं लोकसभा के गठन के लिए होनेवाले मतदान में महिलाओं की भूमिका अहम होगी. यह भूमिका दो रूपों में है. एक ओर जहां लाखों की संख्या में महिला मतदाता अपने वोट के जरिये किसी भी प्रत्याशी का भाग्य वोटिंग मशीन में पुख्ता करेंगी, वहीं मतदान प्रक्रि या को बेहतर तरीके से संपन्न कराने में महिला मतदानकर्मी अहम भूमिका निभायेंगी. आम चुनाव में पहली बार ऐसा है जब निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक बूथ पर कम से कम एक महिला मतदानकर्मी की ड्यूटी अनिवार्य कर दी है.
उद्देश्य यह है कि मतदान के लिए आनेवाली महिला मतदाता बूथ में सिर्फ पुरु ष कर्मचारियों की उपस्थिति से किसी तरह खुद को असहज न पायें. इसके अलावा प्रिसाइडिंग ऑफिसर सहित अन्य भूमिका में भी महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी जा रही है.
निर्धारित मानक के मुताबिक महिला मतदान कर्मियों को आरक्षित कोटे में भी रखा जायेगा और जरूरत पड़ने पर इनकी चुनाव ड्यूटी लगायी जायेगी. इसके लिए महिला चुनाव कर्मियों को तकनीकी एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का संचालन, मतदान सामग्री का रखरखाव, पोलिंग पार्टियों तथा मतदाताओं के साथ व्यवहार आदि बिंदु शामिल है.