"राज़ 2, "वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई", "जन्नत", "मर्डर" जैसी फ़िल्मों से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले इमरान हाशमी का कहना है की अब स्टार के भरोसे फ़िल्में नहीं चल सकती जैसा कि पहले हुआ करता था.
बीबीसी से रूबरू हुए इमरान हाश्मी ने इस साल फ़िल्मों की बुरी दशा पर टिपण्णी करते हुए कहा,"अभिनेताओं के लिए यह डरावना समय है. जिन फ़िल्मों से अच्छे कारोबार की उम्मीद की जा रही थी वो नहीं चली. इससे पता चलता है की स्टार अकेला फ़िल्म नहीं चला सकता, उसमें अच्छी कहानी का होना बेहद ज़रूरी है."
स्टार से ज़्यादाज़रूरी है अच्छी कहानी
इमरान आगे कहते है कि,"चार-पांच साल पहले फ़िल्मकार और अभिनेता कहानियों को नज़रअंदाज़ कर दिया करते थे. कितने ही अभिनेताओं के बारे में सुना था की उनपर कोई भी कहानी चल जाएगी, पर अब साफ़ हो गया है की आज के दौर में दर्शक औसत दर्जे की फ़िल्में नकार देंगे."
वहीं इमरान का ये भी मानना है की बड़े स्टार की फ़िल्मों का ना चलना स्टार सिस्टम को ख़त्म नहीं करेगा. "जब हैरी मेट सेजल" का उदाहरण देते हुए इमरान ने कहा की अगर शाहरुख़ खान और अनुष्का शर्मा फ़िल्म में ना होते और उनकी जगह कोई नए अभिनेता होते तो फ़िल्म का 10 प्रतिशत कारोबार भी नहीं हो पाता.
‘अब बुरी फ़िल्में नहीं करूंगा‘
पिछले दिनों बॉलीवुड में नेपोटिस्म और भाई भतीजावाद की बहस पर इमरान हाश्मी ने अपने आप को नेपोटिस्म द्वारा पनपा अभिनेता माना, पर उन्होंने साफ़ किया की फ़िल्म इंडस्ट्री में सबसे सफल वो कलाकार हैं जो बाहर से आये है, जिनका फ़िल्मी परिवार से कोई ताल्लुक नहीं था जैसे अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ खान और प्रियंका चोपड़ा.
लम्बे समय से हिट फ़िल्म के इंतज़ार में बैठे इमरान हाशमी ने कहा कि उन्होंने कई ऐसी फ़िल्में की जिनसे वो इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते थे लेकिन अब उन्होने तय किया है की वो घर पर बैठना पसंद करेंगे पर बुरी फ़िल्में, जिसकी कहानी पूरी तरह से तैयार नहीं हो और उन्हें पसंद नहीं आएगी वो नहीं करेंगे.
इमरान हाशमी अब अजय देवगन के साथ मिलन लुथरिया की आगामी एक्शन फ़िल्म "बादशाहों" में नज़र आएंगे. फ़िल्म में इलियाना डिक्रूज़, एशा गुप्ता, विद्युत् जामवाल और संजय मिश्रा भी अहम् भूमिका में दिखेंगे. यह फ़िल्म 1 सितम्बर को रिलीज़ होगी.
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