पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे शनिवार को उत्तर प्रदेश में मुज़फ्फ़रनगर के पास पटरी से उतर गए. इस हादसे में कम से कम 21 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.
दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) आरएन सिंह ने बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय से बातचीत में हादसे और बचाव कार्य को लेकर जानकारी दी. पढ़ें उन्होंने क्या कहा-
शनिवार शाम 5.40 बजे कलिंग उत्कल एक्सप्रेस ने मेरठ और मुजफ्फ़रनगर के बीच स्थित खतौली रेलवे स्टेशन को पार किया था.
ट्रेन इस स्टेशन को पार करने के बाद तीन- चार सौ मीटर आगे बढ़ी थी कि इंजन को झटका लगा.
इसे ड्राइवर ने महसूस किया. इसके बाद ट्रेन के पांच कोच सुरक्षित आगे निकल गए.
छठे कोच से आगे के 13 कोच पटरी से नीचे उतर गए. आखिर के पांच कोच सुरक्षित पटरी पर ही थे. पुरी से हरिद्वार जा रही इस ट्रेन में कुल 23 डिब्बे थे.
खतौली ट्रेन हादसे में कम से कम 19 की मौत
‘घायलों को रिक्शा और ठेले में लादकर ले गए’
हादसे में सबसे ज्यादा प्रभावित द्वितीय श्रेणी के कोच एस-5 और एस-6 हुए.
रेलवे की पहली प्राथमिकता घायलों को अस्पताल पहुंचाने की थी. दो घंटे के अंदर सभी घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया.
घायलों में दो की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. उन्हें मेरठ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
हादसे को लेकर तमाम अनुमान लगाए जा रहे हैं लेकिन हम तभी आधिकारिक जानकारी दे सकेंगे जबकि प्राथमिक जांच रिपोर्ट सामने आएगी.
जिन रेल हादसों में लोगों की जान जाती हैं, उनकी जांच कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी करते हैं. वो कारणों की जानकारी जुटाएंगे. उसके मुताबिक ही कार्रवाई की जाएगी.
रेलवे पटरी को दोबारा चालू करने के लिए चार क्रेन लगाई गई हैं. रविवार शाम तक रेल यातायात सामान्य होने की संभावना है.
हादसे की वजह से दिल्ली से मेरठ और सहारनपुर जाने वाली रेलगाड़ियां प्रभावित हुई हैं. उनमें से कुछ अहम रेलगाड़ियों को शामली रुट से भेजा जा रहा है. कुछ रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा है.
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