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चाहता था बनूं मैं पापा का हीरो

करन जौहर की ‘स्टूडेंट ऑफ द इयर’ से इंडस्ट्री में अपनी सफल शुरुआत करनेवाले अभिनेता वरुण धवन की दूसरी फिल्म ‘मैं तेरा हीरो’ रिलीज के लिए तैयार है. यह उनकी सोलो हीरो फिल्म है. खास बात है कि इस फिल्म के निर्देशक उनके पिता डेविड धवन ही हैं. पिता के साथ उनके रिश्ते, शूटिंग के […]

करन जौहर की ‘स्टूडेंट ऑफ द इयर’ से इंडस्ट्री में अपनी सफल शुरुआत करनेवाले अभिनेता वरुण धवन की दूसरी फिल्म ‘मैं तेरा हीरो’ रिलीज के लिए तैयार है. यह उनकी सोलो हीरो फिल्म है. खास बात है कि इस फिल्म के निर्देशक उनके पिता डेविड धवन ही हैं. पिता के साथ उनके रिश्ते, शूटिंग के अनुभवों और फिल्म पर उर्मिला कोरी और अनुप्रिया अनंत की बातचीत.

आपकी पहली फिल्म सुपरहिट थी. दर्शकों की उम्मीदें बढ़ गयीं, ऐसे में दूसरे फिल्म का चयन मुश्किल लगा?

मेरे लिए इस फिल्म से जुड़ना कमर्शियल से ज्यादा भावनात्मक है. हमेशा से पापा की फिल्म का हीरो बनना चाहता था. पापा 50 प्लस हो चुके हैं. मुङो जब इस फिल्म का ऑफर आया, उस वक्त अचानक पापा बीमार हो गये. मन में उनकी बीमारी को लेकर अजीब से खयाल आने लगे. इसके बाद मैंने तय किया कि अगली फिल्म पापा के साथ ही करूंगा. जहां तक चयन और उम्मीदों की बात है तो हर फिल्म का चयन मुश्किल होता है. यह जरूर है कि दर्शकों की उम्मीदें बढ़ गयी हैं, इसलिए बहुत नर्वस हूं. सभी की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहता हूं.

टाइटल के मुताबिक हमेशा से हीरो बनना चाहते थे?

हां, यह सच है कि भारत में कमोबेश हर किसी का सपना हीरो बनने का होता है. मैं भी क्रि केटर और हीरो दोनों बनना चाहता था. जहां तक टाइटल की बात है तो इसका क्रेडिट मेरे बडे भाई को जाता है. उनकी नजरों में मैं परफेक्ट हीरो हूं. हालांकि रोहित (बड़े भाई) और पापा इन दोनों के दो अलग-अलग गानों में यह लाइन थी-मैं तेरा हीरो’. सो यहीं से टाइटल उन्होंने सिलेक्ट किया.

निर्देशक के तौर डेविड धवन का साथ कैसा पाते हैं?

पिता के तौर पर वह जितने प्यारे हैं, निर्देशक के तौर पर उतने ही सख्त. हालांकि सेट पर जितनी छूट वह दूसरे एक्टर्स को देते हैं, उतनी मुङो भी मिली. शायद थोड़ी कम.

फिल्म में दो एक्ट्रेस हैं, सो पापा के सामने उनसे रोमांस करने में कितने सहज रहे?

वैसी कोई दिक्कत नहीं हुई. परेशानी आयी कॉमेडी करने में. रही बात इलियाना के साथ लिप लॉक सीन की, तो आप लोगों ने यूं ही उसे हौव्वा बना दिया है. वह तो महज एक सीन था और उसे मैंने उसी तरह किया.

आप पिता की कॉमेडी फिल्मों में क्या खास पाते हैं?

मुङो लगता है उनकी सादगी. मुङो याद है जहां मैं पैदा हुआ, हमारा वह घर एक बेड रूम का था. वहां से लेकर मैंने उन्हें बंगले तक का सफर तय करते देखा है. सभी जानते हैं कि उन्होंने कैरियर एडिटर के रूप में शुरू किया था. वहां से वह डायरेक्टर बनें और उसके बाद स्ट्रगल करते हुए बड़े निर्देशक बनें. उन्होंने जिंदगी के कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, जो उनकी फिल्मों में भी नज़र आता है. आम आदमी से उनका यही जुड़ाव उनकी यूएसपी है.

को-स्टार्स इलियाना और नरगिस के बारे में कुछ बताएं.

इलियाना बतौर एक्ट्रेस जहां प्रोफेशनल हैं, वहीं पर्सनली मुङो उनमें होममेकर के गुण नजर आते हैं. नरगिस को कॉमेडियन एक्टर और एक बेहद अच्छा इनसान कहूंगा.

खबर थी कि बैंकॉक में शूटिंग के दौरान डेविड धवन की तबीयत खराब हो गयी थी?

सच कहूं तो मेरे लिए यह फिल्म पूरी तरह से इमोशनल जर्नी रही. बैंकॉक में हम शूट कर रहे थे और सेट पर अचानक पापा की तबीयत खराब हो गयी. उस समय मुङो ऐसा लगा कि मैं अचानक बड़ा हो गया हूं. मेरे लिए वह लम्हा बहुत डरावना था.

इंडस्ट्री में शुरुआत के लिए पापा ने कुछ टिप्स दिये?

हां, यह जरूर कहा था कि ऑनस्क्रीन या ऑफस्क्रीन कभी भी एटीटय़ूड मत दिखाना, क्योंकि जिस दिन दर्शक ने तुम्हारा एटीटय़ूड भांप लिया उस दिन तुम खत्म हो.

क्या आप भी पापा की तरह निर्देशन करेंगे?

हां, निर्देशन में मेरी हमेशा से दिलचस्पी रही है. यही वजह है कि मैंने करन सर की फिल्म माय नेम इज खान में उन्हें बतौर असिस्टेंट ज्वॉइन किया था. कई शॉर्ट फिल्में भी बनायी हैं.

करन के बजाए आपने अपने पिता की किसी फिल्म से क्यों नहीं शुरुआत की.

पहले अपने दम पर कुछ करना चाहता था, इसलिए आम लड़के की तरह ही शुरुआत की.

आपकी आनेवाली फिल्में?

श्रीराम राघवन की थ्रिलर फिल्म शुरू करनेवाला हूं. इन दिनों करन जाैहर प्रोडक्शन हाउस की फिल्म हम्टी शर्मा की दुल्हनिया कर रहा हूं.

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