-आर्थिक विकास को पटरी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध: प्रधानमंत्री
।।तोक्यो से अनुज कुमार सिन्हा।।
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारत-जापान पार्टनरशिप में अपार संभावनाएं हैं. पार्टनरशिप के जरिये भारत और जापान तेजी से आर्थिक विकास कर सकते हैं. आज भारत-जापान संबंध जिस मुकाम पर है, पहले कभी नहीं रहा. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत व्यावसायिक संबंध दोनों के ही रणनीतिक हित में है. इससे एशिया और विश्व में समृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा.
प्रधानमंत्री मंगलवार को जापान-इंडिया पार्लियामेंट्री फ्रेंडशिप लीग, द जापान-इंडिया एसोसिएशन और दी इंटरनेशनल फ्रेंडशिप एक्सचेंज काउंसिल द्वारा तोक्यो के ओकुरा होटल मेंआयोजित समारोह में बोल रहे थे. निप्पन कीडनरेन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने खुले दिल से जापान की तरक्की की प्रशंसा की. कहा कि जापान और भारत मिल कर एशिया की तसवीर बदल सकते हैं.
उन्होंने लगातार मिल रही सहायता के लिए जापान सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया. कहा कि जापान ने भारत के कई इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को आर्थिक सहायता दी है. इसमें दिल्ली मेट्रो और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शामिल है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान ने शताब्दी पहले से भारत को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया और विचारों को साझा किया है. गत शताब्दी में जिस तरीके से जापान अपने ज्ञान के बल पर औद्योगिक शक्ति के रूप में उभरा, उससे भारतीय नेताओं को प्रेरणा मिली. स्वामी विवेकानंद, रवींद्र नाथ टैगोर, इंजीनियर विश्वेश्वरैया और महान देशभक्त सुभाष चंद्र बोस भी जापान की 19वीं और 20वीं सदी में हुई उन्नति से प्रभावित हुए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में भारत ने धीमी पर लगातार आर्थिक प्रगति की है. इसने दोनों देशों के लिए मिल कर काम करने का नया अवसर दिया है. डॉ सिंह ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यस्था गड़बड़ाने का असर भारत पर भी पड़ा. भारत की विकास दर पांच फीसदी तक गिर गयी. इसके लिए ग्लोबल के साथ-साथ कुछ घरेलू बाधाएं भी थीं. उन घरेलू चुनौतियों से निबटने के लिए भारत ने आर्थिक क्षेत्र में कई कड़े फैसले किये. कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पिछले दशक में आठ फीसदी की दर से बढ़ी. इसे फिर से हासिल किया जा सकता है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार अर्थव्यवस्था के दूरगामी प्रभाव को देखते हुए कड़े से कड़े फैसले लेने में नहीं हिचकेगी. हाल में विदेशी पूंजी निवेश बढ़ाने के लिए सरकार ने नीतियां बदलीं.
डॉ सिंह ने आशा व्यक्त की कि 2013-14 में छह फीसदी विकास दर हासिल कर लेगा. डॉ सिंह ने कहा कि आर्थिक सुधार के दौरान जापान ने भारतीय उद्योग के आधुनिकीकरण में बड़ी भूमिका अदा की है. मारुति सुजुकी का नाम आज हर भारतीय की जुबान पर है. फुकुशिमा हादसा से निबटने में जापान के साहस की भी प्रधानमंत्री ने प्रशंसा की.डॉ सिंह ने कहा कि जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने इस साल पहला अतिथि बनने का आमंत्रण दिया, पर संसद सत्र के कारण वे नहीं आ सके. इसका उन्हें दुख है. पीएम ने इस मौके पर प्रो नोबुरु काराशिमा को पद्मश्री की उपाधि प्रदान की. काराशिमा इस साल नयी दिल्ली में पांच अप्रैल को हुए पद्मश्री सम्मान समारोह में शामिल नहीं हो सके थे.
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने एसोसिएशन के चेयरमैन योशिरो मोरी को अपना और भारत का सच्च दोस्त बताते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया.
अगले साल लागू हो जायेगा जीएसटी
जापानी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए लुभाने के मिशन पर आये सिंह ने जापानी उद्योग जगत को भरोसा दिलाया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अगले साल तक ‘उचित तरीके से’ लागू कर दिया जायेगा. राज्यों की कुछ आपत्तियों के चलते नयी कर प्रणाली लागू नहीं हो सकी है.
12वीं योजना की महत्वपूर्ण परियोजनाएं
-12वीं पंचवर्षीय योजना में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 1,000 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य. इसका आधा निवेश पीपीपी के जरिये आयेगा
-दिल्ली और मुंबई के बीच मालगाड़ियों के लिए विशेष मार्ग (डीएफसी) का काम 2017 तक पूरा करने की योजना. पहले चरण के सिविल कार्यो के लिए खरीद कार्य जारी, निर्माण जल्द शुरू होगा डीएफसी परियोजना के लिए इंजीनियरिंग सेवा परामर्श चरण दो का काम भी शुरू
-दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआइसी) के कार्य की प्रगति अच्छी है. अब यह योजना से क्रियान्वयन के चरण में
-जापान द्वारा डीएमआइसी के लिए उपलब्ध करायी गयी 4.5 अरब डॉलर की राशि की पहली किस्त से कई प्राथमिकतावाली परियोजनाओं के क्रियान्वयन की तैयारी
-पीएम ने इन क्षेत्रों में जापान से भागीदारी की अपील की
-जापान ने मुंबई-अहमदाबाद द्रुत गति रेलवे मार्ग एक महत्वाकांक्षी परियोजना. जापान ने की है वित्तीय और तकनीकी सहयोग की पेशकश
-चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा भविष्य के जापानी औद्योगिक सहयोग का एक और विस्तार होगा
-सौर ऊर्जा उत्पादन, स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी और निचले ग्रेड के भूरे रंग के कोयले के उन्नयन में निवेश करे जापान
भारत-जापान सहयोग
-जापान की स्वच्छ एवं अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर एक प्रदर्शनी सितंबर में भारत में आयोजित होगी. भारत और जापान के शोध संस्थानों द्वारा एशियाई आयातकों के लिए एलएनजी की कीमत पर अध्ययन हो रहा है, जो इस साल के अंत तक तैयार होगा.
-भारत सरकार भारत में कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए पान के साथ भागीदारी की उम्मीद कर रही है. दोनों पक्षों के बीच पहले से नयी पीढ़ी के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद के लिए सहयोग चल रहा है.