बिहार में महागठबंधन से हाथ छुड़ाकर बीजेपी के सहयोग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में बहुमत साबित कर लिया है.
सदन में नीतीश कुमार और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए.
बीबीसी संवाददाता नितिन श्रीवास्तव ने सत्ता से बाहर होने के बाद बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से फेसबुक लाइव किया. आगे पढ़िए इस इंटरव्यू में सियासी मुश्किलों पर क्या बोले तेजस्वी यादव…
तेजस्वी, आपके लिए हालात कितने मुश्किल हैं?
हालात मुश्किल हों या न हों, हम लोग लड़ने वाले लोग हैं. बुरे और अच्छे दोनों हालात में हम सबको साथ लेकर चलने की बात करते हुए काम करते हैं.
दुख इस बात का है कि बिहार के लोगों को धोखा दिया गया. 2015 के विधानसभा चुनाव में बहुमत महागठबंधन के लोगों को मिला था.
आज वो तमाम लोग खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने जो धोखा दिया है वो बिहार की जनता देख रही है कि कौन सही है और कौन गलत?
नीतीश कुमार अंतरात्मा की आवाज़ सुनने की जो बात कर रहे हैं, उस पर आप क्या कहेंगे?
चार साल में चार सरकारें, कितनी अंतरआत्माएं हैं नीतीशजी की.
कभी बीजेपी को भगाते हैं, कभी मांझी को भगाते हैं. कभी हमको छोड़कर चले जाते हैं. इतनी जल्दी-जल्दी उनकी अंतरआत्माएं क्यों जगती हैं?
लोगों को बांटकर ये लोग चाहते हैं कि कमंडल के लोग राज करें.
उन लोगों का आरोप है कि आप लोग सरकार में आने पर भ्रष्टाचार बढ़ाते हैं
बहुत अच्छी बात है. उनको तो पता ही नहीं था कि लालू जी पर केस चल रहा था. वो आए और मिल गए.
उन पर जो मर्डर और आर्म्स केस का जो केस है. आप एफिडेविट देखिए. वो खुद बता रहे हैं कि हम पर ये मुकदमा चल रहा है. तो ये दोहरी नीति चलेगी क्या?
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर क्या आपके इस्तीफा देने से बात बन जाती?
जब हमने ऑफिस जॉइन किया था, तब हमने जीरो टॉलरेंस करप्शन की बात की थी. आज नीतीश कुमार ने जो भाषण में जो बोला है, वो मैं बोला करता था कि बिहार की जनता ने हमें सेवा करने के लिए चुना है मेवा खाने के लिए नहीं.
आगे की रणनीति क्या होगी?
नीतीश कुमार और बीजेपी का असली चेहरा सामने आ गया है. यही बीजेपी के लोग कितनी भद्दी-भद्दी गालियां देते थे.
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