ब्रिटेन के पहले पगड़ीधारी सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने 1984 में स्वर्ण मंदिर पर हमले में ब्रितानी सरकार की भूमिका की जांच की मांग की है.
सांसद बनने के बाद पहली बार वो बुधवार को पंजाब पहुंचे थे जहां उन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका.
बीबीसी से ख़ास बातचीत में उन्होंने कहा, ”ब्रिटेन की मौजूदा कंज़र्वेटिव सरकार ने पूरे मामले पर लीपापोती की है. इसलिए 1984 में स्वर्ण मंदिर पर हुए हमले में ब्रितानी सरकार की भूमिका को लेकर एक स्वतंत्र जांच बैठाई जानी चाहिए.”
उन्होंने कहा, "यह हमारी सरकार की ओर से होना चाहिए ताकि हमारी सरकार का पक्ष स्पष्ट हो सके."
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ब्रिटेन के सिख संगठन मांग करते रहे हैं कि 1984 की घटना को लेकर ब्रिटेन और भारत के बीच हुई कथित सरकारी बातचीत के गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाए.
उनका तर्क है कि ब्रिटेन में जब 30 साल पुराने दस्तावेज को सार्वजनिक कर दिया जाता है तो इससे जुड़े दस्तावेजों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए.
ढीसा ने कहा, "मैं पिछले तीन साल से कई सम्मानित व्यक्तियों के साथ यह मुद्दा उठाता आ रहा हूं. कई पत्रकार, सांसद और कुछ सिख संगठनों ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है."
उन्होंने कहा, "मैं जेरेमी कोर्बिन और वॉटसन जैसे नेताओं का इसे पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल करने को लेकर आभारी हूं. अगर लेबर पार्टी की सरकार बनती है तो हम इस पर स्वतंत्र जांच बैठाएंगे. ये हमारे घोषणा पत्र में है."
तनमनजीत सिंह ढेसी ब्रितानी संसद के पहले पगड़ी पहनने वाले सांसद हैं. ब्रिटेन में सिख समुदाय की दिक़्क़तों पर बात करते हुए ढीसा ने कहा, "मैंने अपने भाषणों और संसद में कई बार यह मुद्दा उठाया है.”
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