शाहरुख़ ख़ान, माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय बच्चन की मशहूर फ़िल्म देवदास की रिलीज़ को 15 साल हो चुके हैं.
इसके गाना डोला रे डोला बेहद मशहूर रहा और इसका फिल्मांकन भी काफ़ी पसंद किया गया.
इसके लिए फ़िल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने भव्य सेट लगवाया था. इस गीत को हिंदी सिनेमा के सबसे महंगे गीतों में से एक माना जाता है.
फ़िल्म की कोरियोग्राफ़र सरोज ख़ान के मुताबिक़ गाने की शूटिंग पर क़रीब 2.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
फ़िल्मी सितारें जिन्होंने किरदार के लिए ख़ुद को बदला
कैमरे के सामने रोने में शाहरुख़ ने की मदद
सरोज ख़ान के मुताबिक, "इस गीत को मैंने नटवरी स्टाइल में शूट किया क्योंकि ये गीत दुर्गा पूजा के त्योहार का गीत था. हमें 13 दिन लगे थे. लेकिन इस गाने में बड़े-बड़े डांस ग्रुप थे साथ ही कॉस्टयूम बहुत महंगे थे भारी साड़ी और ज्वेलरी में डांस शूट करने को लेकर पहले माधुरी और ऐश्वर्या दोनों आनाकानी कर रही थीं लेकिन बाद में दोनों ने भरपूर मेहनत कर गाने में जान डाल दी."
इसके अलावा भी हिंदी फ़िल्मों के कई गाने हैं जिनको फ़िल्माने में पैसा पानी की तरह बहाया गया. ऐसे ही गानों पर एक नज़र
1.मलंग (धूम 3) – फ़िल्म जानकारों के मुताबिक़ धूम-3 के गाने ‘मलंग’ पर क़रीब पांच करोड़ रुपये का खर्च हुआ.
आमिर ख़ान और कटरीना कैफ़ पर फ़िल्माए इस गाने को फ़िल्माने के लिए 200 विदेशी जिम्नास्ट बुलाए गए.
पेरिस फ़ैशन वीक में ‘दुल्हन’ सोनम
बॉलीवुड हिट्स रिटर्न, इन भोजपुरिया पैटर्न
2. था करके (गोलमाल) – रोहित शेट्टी की ‘गोलमाल2’ के गाने ‘था करके’ में 10 लग्ज़री कारों को उड़ाया गया.
गाने में 1000 डांसर के साथ-साथ 200 ट्रेंड फाइटर को भी लिया गया. गाने को मुंबई में ही 12 दिनों की लगातार शूटिंग कर फ़िल्माया गया.
3. जब प्यार किया तो डरना क्या – 1960 में आई निर्देशक के आसिफ़ की फ़िल्म "मुगल-ए-आज़म" के गाने जब प्यार किया तो डरना क्या के लिए शीशमहल का सेट लगाया गया.
शीशमहल की हूबहू रेप्लिका बनाने में दो साल लगे.
‘तेरह की उम्र में लगा, अंदर कुछ लड़की जैसा है’
‘मुझे मेरी बायोपिक में कोई दिलचस्पी नहीं’
फ़िल्म इतिहास के जानकारों के मुताबिक़ 150 फीट लंबे और 80 फीट चौड़े इस महल को बनाने में बाकी फ़िल्म के बजट से भी ज़्यादा पैसा लगा.
फ़िल्म के लिए खास बेल्जियम से मंगाए गए कांच का इस्तेमाल किया गया.
दिलचस्प बात ये है कि मुगल-ए-आज़म एक ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्म थी लेकिन इस गीत को टेक्नी कलर में फ़िल्माया गया.
फ़िल्म विशेषज्ञों के मुताबिक़ आज के दौर में इस गीत को फ़िल्माया जाता तो क़रीब 2.5 करोड़ रुपए लगते.
फ़वाद ख़ान को ‘ज़िंदगी’ देने वाला ‘ज़िंदगी’ अब ख़त्म
4. प्रेम रतन धन पायो (टाइटल सॉन्ग) – फ़िल्म ‘मुगल-ए-आज़म’ के शीशमहल जैसी हूबहू कॉपी फ़िल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ के लिये तैयार की गई थी जिसे लगभग 300 कारीगरों ने मिल कर बनाया.
फ़िल्म के इसी सेट पर फ़िल्म का टाइटल सॉन्ग भी फ़िल्माया गया था. इस सेट के लिए निर्माता निर्देशक सूरज बड़जात्या ने क़रीब ढाई करोड़ रुपये खर्च किए.
सेट डिज़ाइनर नितिन देसाई ने बताया, "हमने सेट बनाने के लिए 300 मज़दूर लगाए फिर भी 5-6 महीने लगे."
‘स्टारडम के अलावा कुछ भी दे सकता हूं’
चीन में इतनी क्यों चली आमिर ख़ान की दंगल?
5. हंस गीत (बाहुबली-2)– गाना प्रभाष और अनुष्का शेट्टी पर फ़िल्माया गया जहां हंस के आकार का लकड़ी का सेट तैयार किया गया.
फ़िल्म के कंप्यूटर ग्राफ़िक्स पर काम करने वाली मकुटा आर्ट्स के वीएफ़एक्स हेड धुरा बाबू कहते हैं, "इस गाने के लिए सिर्फ हंस के आकार का लकड़ी का सेट और सीढ़ियां ही बनाई गईं थीं. बाक़ी ज़्यादातर काम कंप्यूटर ग्राफ़िक्स की मदद से हुआ था जो रियल सेट की तुलना में ज़्यादा महंगा होता है."
गाने में क़रीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च हुए.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)