करन, आप शो में रमन भल्ला का किरदार निभा रहे हैं, जो ऊपर से सख्त है लेकिन दिल से बेहद मासूम. वास्तविक जिंदगी में भी क्या आप ऐसे ही हैं?
नहीं, दरअसल वास्तविक जिंदगी में तो मैं अंदर और बाहर दोनों से ही सख्त नहीं हूं. फन लविंग हूं और हर चीज को एंजॉय करता हूं. रमन भल्ला की तरह तो मैं बिल्कुल नहीं हूं. मैं फन लविंग के साथ-साथ अनप्रीडेक्टेबल हूं. रमन हर काम सुनिश्चित तरीके से करता है, लेकिन मैं ऐसा बिल्कुल नहीं हूं.
इस शो को इन दिनों काफी लोकप्रियता मिल रही है. आपको उम्मीद थी कि शो को इस कदर कामयाबी मिलेगी?
नहीं, मुङो नहीं लगा था. हां, मगर कांसेप्ट अलग था और यही वजह रही कि कई दिनों के बाद कुछ अलग देखने वाले दर्शकों को यह शो पसंद आया. मेरा पिछला शो कसम से और कस्तूरी में भी लोगों ने मुङो बेहद पसंद किया था. लेकिन रमन भल्ला के रूप में मुङो ज्यादा लोकप्रियता मिल रही है. अब जहां भी जाता हूं, लोग मुङो रुही के पापा कहते हैं या रमन भल्ला कहते हैं.
आपकी को-एक्टर दिव्यंका त्रिपाठी के बारे में बताएं.
दिव्यंका बेहतरीन अभिनेत्री होने के साथ-साथ दिल की बेहद अच्छी हैं और शायद यही वजह है कि उन्हें यह शो ऑफर हुआ. वह इशिता का किरदार बखूबी निभा रही हैं. वह भी बेहद फन लविंग हैं और सबसे खास बात यह कि वह इशिता की तरह ही बहुत केयरिंग भी हैं. मुङो लगता है कि इशिता का किरदार जैसा है, हर लड़की को वैसा होना ही चाहिए, जो अपने माता-पिता के साथ साथ हर किसी का खयाल रखना जानती है. साथ ही किसी पर भी यूं ही भरोसा नहीं करती. वह जानती है कि उसे क्या करना है और क्या नहीं.
क्या वजह है कि लोगों को शो काफी पसंद आ रहा है?
शो का कांसेप्ट नया है. दो पड़ोसी हैं. दो एक-दूसरे को पसंद नहीं करते. लेकिन सिर्फ एक बच्ची की वजह से दोनों परिवार एक होते हैं. इस शो के माध्यम से दो कल्चर की चीजें तो सामने आ ही रही हैं. दो कल्चर एक-दूसरे में कैसे मिक्स होने की कोशिश करते हैं, ये चीजें दिखाई जा रही हैं. साथ ही इन बातों से भी डील करते दिखाया जा रहा है कि एक बच्ची बिना मां के कैसे रह सकती है. एक मां किस तरह बच्ची को छोड़ कर किसी दूसरे आदमी के पास सिर्फ पैसों के लिए जा सकती है. ऐसा नहीं है कि ये सब मनगढं़त कहानियां हैं. हकीकत यही है कि हमारे आस पास की दुनिया में भी ऐसा होता है. ऐसे कई लोग हैं जो अपने बच्चों की परवाह नहीं करते. उन लोगों को सामने लाने का यह शो अच्छा जरिया है.
एक्टिंग के अलावा आपको किन-किन चीजों में दिलचस्पी है?
मुङो गाने सुनना, किताब पढ़ना अच्छा लगता है. आज कल मैं मंजू कपूर की किताब कस्टडी पढ़ रहा हूं. मुङो कल हो न हो का टाइटल ट्रैक बार-बार सुनना बेहद अच्छा लगता है. मुङो फिल्में देखना पसंद है. सोशल नेटवर्किग से जुड़े रहना भी अच्छा लगता है. चूंकि इसके माध्यम से हमें एक साथ काफी जानकारी मिलती है और काफी लोगों से आप कनेक्ट हो जाते हैं.
करन आप खुद गुजराती हैं और किरदार पंजाबी का निभा रहे हैं, तो क्या-क्या समानता और विभिन्नता पाते हैं दोनों कल्चर में?
दरअसल, अलग-अलग होते हुए भी दोनों एक से हैं. दोनों ही लोग खाने के शौकीन हैं और मौज-मस्ती के भी. सभ्यता में कई समानताएं हैं. दोनों कल्चर को लेकर काफी सजग हैं. कहीं भी जायें, वे अपने कल्चर को नहीं छोड़ते. बिजनेस का दिमाग पंजाबी और गुजराती दोनों ही के पास होता है और जबरदस्त होता है.
अगर बॉलीवुड में कभी ऑफर मिले तो?
तो जरूर करूंगा. मेरी इच्छा है कि मैं काजोल और शाहरुख की फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे जैसा कुछ किरदार निभाऊं.