वारसा : यूनेस्को ने शुक्रवार को ओल्ड सिटी ऑफ हेबरॉन को संकटग्रस्त विश्व धरोहर स्थल घोषित किया जिसके बाद इस्राइल की ओर से नाराजगी सामने आयी है. संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक इकाई ने पोलैंड में एक बैठक में अधिकृत पश्चिमी तट में स्थित हेबरान के प्राचीन शहर को संकटग्रस्त धरोहर शहर का दर्जा देने के लिए तीन के मुकाबले 12 वोट दिये. छह वोट नहीं पड़े. इस शहर में दो लाख से अधिक फिलिस्तीनी और कुछ सौ इस्राइली रहते हैं.
यूनेस्को ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखा, ‘यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची और संकटग्रस्त विश्व धरोहर सूची पर हाल ही में हेबरॉना-अल-खलील ओल्ट टाउन को शामिल किया.’ इस्राइल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एमेनुअल नाहशोन ने फैसले की तत्काल निंदा करते हुए इसे ‘नैतिक धब्बा’ करार दिया और कहा कि इसमें शहर के यहूदी इतिहास को नकारा गया है.
फैसले के बाद ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘असंगत संगठन फर्जी इतिहास को बढ़ावा देता है. यूनेस्को आपके लिए शर्म की बात है.’ फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और इस्राइल के विरोध के बावजूद यूनेस्को द्वारा किये गये फैसले को फिलिस्तीनी कूटनीति की सफलता बताया.
फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ‘यूनेस्को का भ्रम पैदा करनेवाला एक और फैसला’ बताया. उन्होंने एक ऑनलाइन वीडियो में हिब्रू भाषा में कहा, ‘इस बार उन्होंने व्यवस्था दी है कि हेबराॅन में टांब ऑफ पेट्रिआर्क एक फिलिस्तीनी स्थान है, जिसका मतलब है कि यह यहूदी स्थान नहीं है और यह खतरे में है.’