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गुणात्मक शिक्षा के लिए जाना जाता है ऑस्ट्रेलिया

विदेशी शिक्षा की महत्ता को समझना और उस पर कार्य करते हुए अंतरराष्ट्रीयकरण का सामंजस्य सामाजिक हित में बैठाना, एक सुखद और भावनापूर्ण वैश्विक कार्य है. विश्व स्तर पर एक-दूसरे को जोड़ने का कार्य बेहतर तरीके से अगर कोई कर पाता है, तो वह है हमारा शिक्षार्थी. आज विश्व के अनेक देश इसका उदाहरण पेश […]

विदेशी शिक्षा की महत्ता को समझना और उस पर कार्य करते हुए अंतरराष्ट्रीयकरण का सामंजस्य सामाजिक हित में बैठाना, एक सुखद और भावनापूर्ण वैश्विक कार्य है. विश्व स्तर पर एक-दूसरे को जोड़ने का कार्य बेहतर तरीके से अगर कोई कर पाता है, तो वह है हमारा शिक्षार्थी. आज विश्व के अनेक देश इसका उदाहरण पेश कर रहे हैं. वे अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के जरिये अपने देश और समाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर के ऊंचे पायदान पर पहुंचाने में मदद कर रहे हैं.

ऐसे में चीन को ही ले लें. पिछले कई दशकों से चीनी छात्र अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में जाकर पढ़ाई करते हैं और अपने देश की उत्पादकता में गुणात्मक और धनात्मक स्तर की होनेवाली वृद्धि में सहायक हैं. आज विदेश जाकर शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों में चीन सबसे आगे है. सबसे तेजी से सकारात्मक वृद्धि दिखाने में भी चीन सबसे आगे है. इस सोच में भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों को ही देख लें. पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल आदि प्रदेशों से बड़ी संख्या में छात्र विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं और हमारे देश के यही प्रदेश सामान्यत: हर मामले में अन्य राज्यों से आगे हैं.

ऑस्ट्रेलिया है खास
ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के लिए आज ढेर सारे आवेदन प्राप्त हो रहे हैं. कारण है, गुणात्मकता के मामले में यहां के विश्वविद्यालयों का अव्वल होना और कोर्स समाप्त करने के बाद अच्छी नौकरियों का उपलब्ध होना. ग्लोबल स्तर पर यहां के संस्थानों को प्रशंसा मिलती है. इस वजह से पूरी दुनिया में यहां से पढ़े हुए छात्रों की मांग बढ़ जाती है. सबसे बड़ी बात है कि यहां का उच्च स्तरीय रहन-सहन, बेहद व्यावसायिक है. साथ ही शांत भी है. यहां की पढ़ाई बेहद उच्चस्तरीय और प्रायोगिक है. यहां 99 फीसदी साक्षरता है अर्थात् लगभग हर व्यक्ति पढ़ा-लिखा है. ऑस्ट्रेलिया में 1,200 से भी अधिक शैक्षणिक संस्थान हैं और कुल मिला कर 22,000 से भी अधिक कोर्स उपलब्ध हैं. इससे छात्रों को अपने कैरियर के अनुसार चुनाव कर पढ़ने और अपने जीवन को आगे बढ़ाने में सहायता मिलती है. यहां की सरकार गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय छात्रों को स्तरीय सुरक्षा भी प्रदान करती है.

दाखिले के लिए इनकी पड़ेगी जरूरत
ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश के लिए कम-से-कम आठ महीने पहले से तैयारी प्रारंभ कर देनी चाहिए. कएछळर की तैयारी करनी चाहिए. फिर टेस्ट दें. प्रवेश के लिए यूनिवर्सिटी का चुनाव, वीजा की प्रक्रिया आदि को ध्यान में रख कर हरेक कार्य को बहुत सावधानी से करना चाहिए. प्रवेश पक्का होने से पहले आजकल ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय पिछले छह महीने का बैंक स्टेटमेंट भी देखना चाहते हैं और इसकी आवश्यकता वैसे भी वीजा के समय में होती ही है. इसलिए इसे पहले से प्राप्त करें.

अमरेश कुमार राय

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार

ceo@raiaa.in

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