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नीदरलैंड ने यूएनएससी, एनएसजी को लेकर भारत के प्रयासों का किया समर्थन

मोदी ने डच कंपनियों के सीईओ से कहा-भारत अवसरों की भूमि द हेग : नीदरलैंड ने एनएसजी में भारत के जल्द-से-जल्द प्रवेश और अन्य बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था एवं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के प्रयासों का मंगलवारको समर्थन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपने डच समकक्ष मार्क रुत्ते की बैठक के […]

मोदी ने डच कंपनियों के सीईओ से कहा-भारत अवसरों की भूमि

द हेग : नीदरलैंड ने एनएसजी में भारत के जल्द-से-जल्द प्रवेश और अन्य बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था एवं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के प्रयासों का मंगलवारको समर्थन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपने डच समकक्ष मार्क रुत्ते की बैठक के बाद नीदरलैंड की ओर से समर्थन की घोषणा की गयी. दोनों प्रधानमंत्रियों ने याद किया कि नीदरलैंड के यूरोपीय संघ (ईयू) के अध्यक्ष रहते हुए वर्ष 2004 में यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत हुई थी. उन्होंने भारत और ईयू के बीच व्यापक आधारवाले व्यापार और निवेश समझौते को लेकर बातचीत के जल्द ही संपन्न होने की उम्मीद जाहिर की है.

मोदी ने आथर्कि विकास के क्षेत्र में नीदरलैंड को भारत का स्वाभाविक साझेदार बताते हुए डच कंपनियों को भारत में निवेश का न्योता देते हुए इसे ‘अवसरों की भूमि’ कहा. नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुत्ते के साथ औपचारिक बैठक के बाद व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश पर जोर देते हुए मोदी ने प्रमुख डच कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की.

दोनों नेताओं की बैठक के बाद जारी किए गये संयुक्त बयान में कहा गया है कि उन्होंने वैश्विक अप्रसार उद्देश्यों को मजबूत बनाने के अपने प्रयासों को जारी रखने का संकल्प जाहिर किया. प्रधानमंत्री मोदी ने मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण प्रणाली में भारत के प्रवेश में नीदरलैंड की भूमिका के लिए उसे धन्यवाद दिया. दोनों नेता इस बात को लेकर सहमत हुए कि भारत की सदस्यता से परमाणु आपूतर्कर्तिा समूह (एनएसजी), वासेनार व्यवस्था और ऑस्ट्रेलिया समूह को लाभ होगा. ऑस्ट्रेलिया समूह की सदस्यता के लिए हाल में भारत के आवदेन का नीदरलैंड ने स्वागत किया है.

नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुत्ते के साथ औपचारिक बैठक के बाद व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश पर जोर देते हुए मोदी ने प्रमुख डच कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की. उन्होंने आथर्कि विकास के क्षेत्र में नीदरलैंड को भारत का स्वाभाविक साझेदार बताते हुए डच कंपनियों को भारत में निवेश का न्योता देते हुए इसे ‘अवसरों की भूमि’ कहा. दोनों देशों के बीच सामाजिक सुरक्षा, जल संरक्षण और सांस्कृतिक साझेदारी के क्षेत्र में तीन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुआ. डच कंपनियों के सीईओं के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी सरकार द्वारा किए गये सुधारों का लक्ष्य व्यापार को सरल बनाना और मानकों को वैश्विक स्तर तक लाना है. तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में नीदरलैंड पहुंचे मोदी ने कहा कि रियल स्टेट और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकषर्ति करने के लिए भारत ने 7000 सुधार किये हैं.

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