रांचीः राष्ट्रपति चुनाव पर सस्पेंस खत्म हो गया है. सत्ताधारी गंठबंधन ने अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है. भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे.
Dalit aur picchhde vargon ke liye hamesha sangharsh karte rahe hain Ramnath Kovind ji: Amit Shah pic.twitter.com/ZGcjJrrLHR
— ANI (@ANI) June 19, 2017
इसके साथ ही तमाम अटकलों पर विराम लग गया. इतना ही नहीं, भाजपा ने अपने कई विरोधी दलों के विरोध की संभावनाअों को भी खत्म कर दिया. दलित और पिछड़े वर्ग की राजनीति करनेवाली समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का एजेंडा ही भाजपा ने छीन लिया.
I am sure Shri Ram Nath Kovind will make an exceptional President & continue to be a strong voice for poor, downtrodden & marginalised: PM
— ANI (@ANI) June 19, 2017
रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी का फायदा आगामी विधानसभा चुनावों के साथ-साथ वर्ष 2019 के आम चुनावों में भी भाजपा और एनडीए को मिलने की उम्मीद है. रामनाथ कोविंद का विरोध करना किसी दल के लिए मुश्किल होगा, क्योंकि उनका नाम अब तक किसी तरह के विवाद से नहीं जुड़ा है. उनकी छवि काफी साफ-सुथरी है. ऐसे में उनका विरोध विपक्ष की एकता को भी बिखेर सकता है.
राष्ट्रपति चुनाव 2017: BJP ने खत्म किया सस्पेंस, बिहार के गवर्नर रामनाथ कोविंद को बनाया उम्मीदवार
इससे पहले चर्चा आम थी कि भाजपा किसी बड़े नेता को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जायेगा. सुबह से चर्चा थी कि भाजपा संसदीय बोर्ड में सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन, लाल कृष्ण आडवाणी के साथ-साथ मुरली मनोहर जोशी में से कोई देश का प्रथम नागरिक बनेगा.
बैठक खत्म होने के बाद जब शाह ने प्रेस काॅन्फ्रेंस की, तो सब भौंचक रह गये. एक ऐसे व्यक्ति को देश का प्रथम नागरिक का चुनाव लड़ाने का एलान कर दिया, जो कभी रेस में था ही नहीं. राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले से ही करीब आधा दर्जन नाम ऐसे थे, जिनके बारे में अटकलें लग रही थीं. बार-बार घूम-फिर कर यही नाम सामने आते थे. लेकिन, जब एलान हुआ, तो सारी अटकलें धरी की धरी रह गयीं.
बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने भारतीय संविधान को लेकर क्या कहा?
संघ के साथ-साथ भाजपा से भी जुड़े रहे कोविंद 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे. वह कई संसदीय समितियों (आदिवासी, होम अफेयर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय, कानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी) के चेयरमैन रहे. कोविंद गवर्नर्स ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के भी सदस्य रहे हैं. 2002 में कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र के महासभा को संबोधित किया. उन्होंने कई देशों की यात्रा भी की है.
छात्र जीवन में उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया. 12 साल की सांसदी में उन्होंने शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को उठाया. ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने गरीब दलितों के लिए मुफ्त में कानूनी लड़ाई लड़ी.
Opposition ki baithak hogi,usme naam pe vichaar karenge,NDA ne naam announce kiya hai uspe bhi baat karenge: Sharad Yadav,JDU #RamnathKovind pic.twitter.com/NK6EdIpqut
— ANI (@ANI) June 19, 2017
एक अक्तूबर, 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले (वर्तमान में कानपुर देहात जिला) के तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में जन्मे कोविंद कोली जाति से हैं. उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति में शामिल कोली जाति के नेता कोविंद ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है. वकालत की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने दिल्ली हाइकोर्ट में लंबे अरसे तक वकालत की. 1977 से 1979 तक दिल्ली हाइकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे. 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे. 8 अगस्त, 2015 को उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया.
PM Modi has spoken to Bihar CM Nitish Kumar,AP CM Chandrababu Naidu and TN CM E Palaniswamy #RamnathKovind
— ANI (@ANI) June 19, 2017
वर्ष 1991 में भाजपा में शामिल होने के बाद 1994 में वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गये. वर्ष 2000 में एक बार फिर राज्यसभा पहुंचे. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे कोविंद भाजपा दलित मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष भी रहे. वर्ष 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री बने. कोविंद की शादी 30 मई, 1974 को सविता कोविंद से हुई थी. इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है.
बिहार के राज्यपाल ने लोकायुक्त संशोधन बिल विधानसभा को लौटाया
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा है कि उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करेगी, क्योंकि वह दलित नेता हैं. साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए स्वयं फोन कर अनुरोध किया था. इससे पहले, तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और आंध्र प्रदेश में सत्तासीन तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने प्रधानमंत्री की पसंद को अपना समर्थन देने की बात कही थी.
Telangana CM and TRS Chief KC Rao extends support to NDA's presidential candidate #RamnathKovind after speaking to PM Modi pic.twitter.com/96UKg5YkKK
— ANI (@ANI) June 19, 2017
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि भाजपा की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में कई बड़े नाम थे. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के साथ-साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, भूतपूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपाके बुजुर्गतम नेता लाल कृष्ण आडवाणी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मेट्रोमैन ई श्रीनधरन को राष्ट्रपति पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था.