रांची: नक्सल प्रभावित इलाकों में चुनाव प्रचार शहर में ही सिमट कर रह गया है. प्रत्याशी शहर में प्रचार कर रहे हैं, मुहल्ले-मुहल्ले घूम रहे हैं, लेकिन गांवों में जाने से डर रहे हैं. प्रत्याशियों द्वारा अब तक संबंधित जिलों की पुलिस को नक्सल प्रभावित गांवों में जाने की पूर्व सूचना भी नहीं दी गयी है. इससे साफ है कि प्रत्याशी गांवों में जाने का मन अब तक नहीं बना पाये हैं. पहले चरण में कोडरमा, चतरा, लोहरदगा और पलामू लोकसभा क्षेत्र में चुनाव होना है.
नामांकन की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं. अधिकतर प्रत्याशियों ने नामांकन भी कर दिया है, लेकिन नक्सल प्रभावित इलाकों में चुनाव प्रचार का माहौल नहीं दिख रहा है. उल्लेखनीय है कि इन चारों लोकसभा क्षेत्रों के अधिकतर इलाके (गिरिडीह, चतरा, लोहरदगा, गढ़वा, मेदिनीनगर, लातेहार व गुमला) घोर नक्सल प्रभावित हैं.
गांवों में बढ़ायी जाये राजनीतिक गतिविधियां
पिछले साल गृह मंत्रलय ने नक्सल प्रभावित सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश दिया था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस अभियान के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि वहां राजनीतिक गतिविधियां बढ़ायी जायें. पुलिस से कहा गया था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में छोटे राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान भी सुरक्षा मुहैया करायी जाये, ताकि ग्रामीण राजनीतिक दलों से जुड़ें और राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लें. बता दें कि राज्य पुलिस की तरफ से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. पुलिस की कार्रवाई बयानबाजी और कागजों तक ही सिमटी रही है.
सूचना नहीं दे रहे प्रत्याशी
पुलिस मुख्यालय ने पिछले दिनों सभी नेताओं को पत्र लिख कर कहा था कि वह जहां भी प्रचार के लिए जायें, इसकी सूचना पुलिस को दे दें. स्पेशल ब्रांच ने फोन नंबर (06512400991) व मोबाइल नंबर 7766906599 और फैक्स नंबर -0651-2401943 भी जारी किया था, लेकिन प्रत्याशियों द्वारा इस तरह की सूचना कहीं से नहीं मिल रही है.
पुलिस के प्रयास नाकाफी
नक्सल प्रभावित इलाकों में प्रत्याशी जायें, अपने पक्ष में निर्भीक होकर प्रचार करें, इसके लिए झारखंड पुलिस करीब एक माह से नक्सल प्रभावित इलाकों में अभियान चला रही है. जिलों की पुलिस को पर्याप्त सुरक्षा बल भी उपलब्ध कराये गये हैं, लेकिन इससे प्रत्याशियों का डर खत्म नहीं हुआ है.