रांची: रांची लोकसभा सीट से आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो के चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही मुकाबला दिलचस्प हो गया है. पहले से ही यहां कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय, भाजपा के रामटहल चौधरी, टीएमसी के बंधु तिर्की और झाविमो के अमिताभ चौधरी खड़े हैं. आम आदमी पार्टी ने भी अमानुल्लाह अमन को रांची से टिकट दिया है. एक तरफ तीन-तीन बार सांसद रहे सुबोधकांत सहाय और रामटहल चौधरी, दो बार विधायक रहे बंधु तिर्की हैं, वहीं प्रदेश की राजनीति में खास दबिश रखनेवाले सुदेश के साथ-साथ अमिताभ व अमानुल्लाह पहली बार रांची संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में जोरदार टक्कर होने की संभावना प्रबल हो गयी है.
झारखंड की राजधानी रांची में नरेंद्र मोदी की रैली का असर है या राहुल के रोड शो का या फिर बाबूलाल मरांडी के लगातार अभियान का, यह देखना दिलचस्प होगा. अरविंद केजरीवाल का रांची में असर है कि नहीं, यह देखना भी दिलचस्प होगा. राजधानी होने के कारण पूरे देश की निगाह रांची पर भी होगी. कल तक जहां विेषक रांची में त्रिकोणीय मुकाबला देख रहे थे, अब सुदेश के आने के बाद सारे समीकरण पर एक बार फिर से समीक्षा की जरूरत आ गयी है. सुदेश महतो रांची लोकसभा क्षेत्र के सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. उनकी पार्टी के नवीन जायसवाल हटिया से विधायक हैं.
सिल्ली जहां ग्रामीण क्षेत्र है, वहीं हटिया में शहरी क्षेत्र भी आता है. बंधु तिर्की मांडर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, लेकिन उनके सामने चुनौती यह है कि मांडर विधानसभा क्षेत्र लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में आता है. हालांकि बंधु तिर्की का कार्यस्थल रांची ही रहा है.
क्यों हो रही चर्चा
कहा जा रहा है कि भाजपा के परंपरागत वोटर सिल्ली, ईचागढ़, हटिया, तमाड़, रांची विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा हैं. सुदेश महतो का प्रभाव सिल्ली व तमाड़ इलाके में है. उनकी पार्टी के विधायक का प्रभाव हटिया क्षेत्र में भी है. कहा जा रहा है कि सुदेश एक पार्टी विशेष के परंपरागत वोटरों में सेंधमारी कर सकते हैं. इस कारण अब यह कहना कठिन हो गया है कि परिणाम किस ओर जायेगा. जानकार बताते हैं कि मुकाबला इतना जोरदार होगा कि जीत-हार का अंतर कम होता चला जायेगा. पिछली बार कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय ने भाजपा के रामटहल चौधरी को 13350 वोटों से हराया था, पर अब कई दिग्गज खड़े हैं. इस कारण मुकाबला दिलचस्प हो गया है.