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Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त, जनवरी में लग्न के लिए देखें शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti Date: 15 जनवरी को सुबह से स्नान दान प्रारंभ हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन स्नान के लिए महा पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 17 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है. इस महा पुण्यकाल में सभी को स्नान कर लेना चाहिए.

लाइव अपडेट

मकर संक्रांति आज

15 जनवरी को सुबह से स्नान दान प्रारंभ हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन स्नान के लिए महा पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 17 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है. इस महा पुण्यकाल में सभी को स्नान कर लेना चाहिए.

जनवरी में विवाह के शुभ मुहूर्त

15 जनवरी- रविवार

16 जनवरी- सोमवार

18 जनवरी- बुधवार

19 जनवरी- गुरुवार

25 जनवरी- बुधवार

26 जनवरी- गुरुवार

27 जनवरी- शुक्रवार

30 जनवरी- सोमवार

31 जनवरी- मंगलवार

खरमास खत्म होते ही लग्न शुरू

खरमास के समाप्न (kharmas Ends Date) के साथी नए और शुभ कार्य शुरु हो जाएंगे. ऐसे में 15 जनवरी से शादियों का सीजन भी शुरु हो रहा है. जिन लोगों को इस महीने में विवाह, गृह प्रवेश, प्रॉपर्टी खरीद या वाहन खरीद है वो यहां से शुभ मुहूर्त देखकर अपना दिन और समय तय कर सकते हैं.

मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त

15 जनवरी रविवार को मकर संक्रांति से खरमास खत्म (kharmas Ends Date) हो रहा है. इसके साथ ही मांगलिक कार्यों पर लगी रोक भी खत्म हो जाएगी और विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य होना शुरू हो जाएगा. ज्योतिष के अनुसार इसके साथ ही जनवरी महीने में विवाह के लिए कुल 9 शुभ मुहूर्त (Subh muhurat 2023) हैं, जबकि गृह प्रवेश के लिए केवल 4 शुभ मुहूर्त बताए गए है और वाहन खरीदने के लिए भी 5 और प्रॉपर्टी खरीद के लिए 4 शुभ मुहूर्त हैं.

मकर संक्रांति आज

15 जनवरी को सुबह से स्नान दान प्रारंभ हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन स्नान के लिए महा पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 17 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है. इस महा पुण्यकाल में सभी को स्नान कर लेना चाहिए.

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)

अवधि - 10 घण्टे 38 मिनट

मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)

अवधि - 01 घण्टा 46 मिनट

मकर संक्राति के दिन जरूर करें ये काम

मकर संक्रांति के दिन काले तिल से सूर्य देव की पूजा करें. इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और घर धन धान्य से भर जाएगा.

मकर संक्रांति के दिन अगर आपके घर पर कोई भिखारी, साधु, बुजुर्ग या असहाय व्यक्ति आता है तो उसे कभी भी खाली हाथ न जाने दें. इस दिन स्नान के पहले कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए. इस बात का ध्यान रखें

सूर्य के मकर में प्रेवश के साथ शुरू हुआ मकर संक्राति

पंचांग के अनुसार, सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर गए हैं. इनके प्रवेश करते ही मकर संक्रांति शुरू हो गई है. हालांकि मकर संक्रांति का त्योहार उदयातिथि के अनुसार 15 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा.

मकर संक्रांति पर क्यों खाते हैं दही चूड़ा और खिचड़ी

मकर संक्रांति के दिन दही चूड़ा के साथ तिलकुट और खिचड़ी खाना चाहिए. धार्मिक दृष्टि से इस दिन इन चीजों का सेवन कई मायने में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. मकर संक्रांकि के दिन खिचड़ी खाने से सारे कष्ट दूर होते हैं. इसी समय धान की कटाई होती है और नए चावल निकलते हैं. मान्यता है कि धान की कटाई होने के बाद चावल को पकाकर उसे खिचड़ी के रूप में सबसे पहले सूर्य देवता को भोग लगाया चाहिए, फिर खिचड़ी खानी चाहिए, इससे सूर्य देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

झारखंड, यूपी और बिहार में दही चूड़ा का भोग

मकर संक्रांति के दिन यूपी और बिहार में सूर्य देवता को दही चूड़ा का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि इससे रिश्तों में मजबूती आती है और दही-चूड़ा और खिचड़ी दोस्तों को और रिश्तेदारों को दिया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा और खिचड़ी खाने से सौभाग्य और यश की प्राप्ति होती है. इस दिन दही चूड़ा और खिचड़ी का दान करना बेहद शुभ माना जाता है.

रविवार को खिचड़ी खाना शुभ या अशुभ?

मकर संक्रांति के दिन विशेषरूप से खिचड़ी को प्रसाद के रुप में ग्रहण किया जाता है. ऐसे में लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है कि क्या रविवार के दिन मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाना शुभ होगा या नहीं? आपको बता दें कि रविवार के दिन मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाना बेहद शुभ रहेगा. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शनि का प्रभाव भी कम होता है. धार्मिक कथा के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्यदेव अपनी नाराजगी दूर कर पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं.

मकर संक्रांत पर करें सूर्य देव की पूजा

हिंदू ज्योतिष व धार्मिक महत्व के अनुसार रविवार का दिन सूर्यदेव का दिन माना जाता है. कहा जाता है कि रविवार को सूर्यदेव की उपासना के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन होता है. ऐसी मान्यता है कि जिस व्यक्ति पर सूर्य देव कृपा रहती है. उसका जीवन चमक उठता है. इतना ही नहीं जिस व्यक्ति के जीवन में मान-सम्मान तथा यश वैभव की कमी होती है, सूर्य देव की पूजा करने से लाभ मिलता है.

मकर संक्रांति पूजा विधि

आज के दिन सुबह स्नान के बाद सबसे पहले अपने पितरों को जल से तर्पण देना चाहिए. इसके बाद लोटे में गंगाजल, पानी, अक्षत, लाल पुष्प, गुड़ और काला तिल डालकर इससे सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके बाद विधि पूर्वक सूर्य चालीसा और ​आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर उनकी पूजा करें. घी के दीपक से सूर्य देव की आरती कर पूजा समाप्त करें.

मकर संक्राति दान का समय

15 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान का समय सुबह 07:17 बजे से सुबह 09:04 बजे तक है. इस समय मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल रहेगा. इसमें आप स्नान, दान और पूजा पाठ करे, सूर्य देव की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)

अवधि - 10 घण्टे 38 मिनट

मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)

अवधि - 01 घण्टा 46 मिनट

मकर संक्रांति का पुण्यकाल

मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)

अवधि - 10 घण्टे 38 मिनट

मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)

अवधि - 01 घण्टा 46 मिनट

मकर संक्रांति के लिए शुभ समय कब है?

15 जनवरी को सुबह से स्नान दान प्रारंभ हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन स्नान के लिए महा पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 17 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है. इस महा पुण्यकाल में सभी को स्नान कर लेना चाहिए.

मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के नियम

  • गंगा स्नान से पहले सामान्य जल से अच्छे से नहाना चाहिए, गंगा नदी में सिर्फ डूबकी लगाएं. पवित्र नदी में शरीर का मेल न निकालें.

  • गंगा नदी में मनुष्य की अशुद्धि नहीं जानी चाहिए. स्नान करते समय शरीर को हाथों से नहीं रगड़ना चाहिए.

  • गंगा स्नान करने के बाद शरीर को कपड़े से नहीं पोंछना चाहिए, जल को शरीर पर की सुखने देना चाहिए.

  • मृत्यु या जन्म सूतक के समय भी गंगा स्नान किया जा सकता है, लेकिन महिलाओं को अपवित्र स्थिति में गंगा स्नान नहीं करना चाहिए.

  • घर पर नहाने की स्थिति में गंगाजल की कुछ बूंदे या कम मात्रा ही नहाने के पानी में मिलाकर नहाएं.

मकर संक्राति आज

15 जनवरी को सुबह से स्नान दान प्रारंभ हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन स्नान के लिए महा पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 17 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है. इस महा पुण्यकाल में सभी को स्नान कर लेना चाहिए.

15 जनवरी को मकर संक्रांति

इस साल सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 08 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है. उस समय ही मकर संक्रांति का क्षण है, लेकिन उस समय में स्नान और दान कैसे होगा? इस वजह से अगले दिन सूर्योदय के बाद मकर संक्रांति का स्नान और दान होगा.

मकर संक्रांति के लिए शुभ समय

14 जनवरी की रात सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं. उसके बाद 15 जनवरी को सुबह से स्नान दान प्रारंभ हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन स्नान के लिए महा पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 17 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है. इस महा पुण्यकाल में सभी को स्नान कर लेना चाहिए.

मकर संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश - रात 08.57 (14 जनवरी 2023)

मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)

अवधि - 10 घण्टे 38 मिनट

मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)

अवधि - 01 घण्टा 46 मिनट

मकर संक्रांति 15 जनवरी को

इस साल सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 08 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है. उस समय ही मकर संक्रांति का क्षण है, लेकिन उस समय में स्नान और दान कैसे होगा? इस वजह से अगले दिन सूर्योदय के बाद मकर संक्रांति का स्नान और दान होगा.

मकर संक्रांति दान का समय

15 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान का समय सुबह 07:17 बजे से सुबह 09:04 बजे तक है. इस समय मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल रहेगा. इसमें आप स्नान, दान और पूजा पाठ करे, सूर्य देव की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

मकर संक्रांति स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश - रात 08.57 (14 जनवरी 2023)

मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)

अवधि - 10 घण्टे 38 मिनट्स

मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)

अवधि - 01 घण्टा 46 मिनट्स

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त

14 जनवरी की रात सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं. उसके बाद 15 जनवरी को सुबह से स्नान दान प्रारंभ हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन स्नान के लिए महा पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 17 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है. इस महा पुण्यकाल में सभी को स्नान कर लेना चाहिए.

पवित्र नदी में नहीं कर पा रहे स्नान, तो ये काम करें

मकर संक्रांति के प्रात:काल जब महा पुण्यकाल हो तो उस समय आप नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल और काला तिल मिला लें. फिर आप नीचे दिए गए दो मंत्रों में से किसी भी एक का उच्चारण करके स्नान प्रारंभ कर दें.

मकर संक्रांति दान का समय

15 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान का समय सुबह 07:17 बजे से सुबह 09:04 बजे तक है. इस समय मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल रहेगा. इसमें आप स्नान, दान और पूजा पाठ करे, सूर्य देव की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त 

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश - रात 08.57 (14 जनवरी 2023)

मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)

अवधि - 10 घण्टे 38 मिनट

मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)

अवधि - 01 घण्टा 46 मिनट

मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के नियम

  • गंगा स्नान से पहले सामान्य जल से अच्छे से नहाना चाहिए, गंगा नदी में सिर्फ डूबकी लगाएं. पवित्र नदी में शरीर का मेल न निकालें.

  • गंगा नदी में मनुष्य की अशुद्धि नहीं जानी चाहिए. स्नान करते समय शरीर को हाथों से नहीं रगड़ना चाहिए.

  • गंगा स्नान करने के बाद शरीर को कपड़े से नहीं पोंछना चाहिए, जल को शरीर पर की सुखने देना चाहिए.

  • मृत्यु या जन्म सूतक के समय भी गंगा स्नान किया जा सकता है, लेकिन महिलाओं को अपवित्र स्थिति में गंगा स्नान नहीं करना चाहिए.

  • घर पर नहाने की स्थिति में गंगाजल की कुछ बूंदे या कम मात्रा ही नहाने के पानी में मिलाकर नहाएं.

गंगा स्नान से मिटते हैं पाप

मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए, ऐसा न कर सकते तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए. गंगा स्नान करने से 10 तरह के पाप खत्म हो जाते हैं.

मकर संक्रांति से जुड़ी मान्यता

मान्यतानुसार मकर संक्रांति इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इस दिन सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं. हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यता के मुताबिक संक्रांति से शुभ कार्य की शुरुआत की जा सकती है यानी विवाह का मुहूर्त निकलवाना हो, शादी करनी हो या अन्य शुभ कामों की शुरुआत भी इस दिन से कर सकते हैं. कई लोग इसे खिचड़ी के पर्व के नाम से भी जानते हैं. आप इस दिन की शुरुआत भगवान का नाम लेने के बाद अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को sms, मैसेजेस आदि के जरिए शुभकामना संदेश भेज कर सकते हैं.

मकर संक्रांति स्नान के लिए शुभ समय

14 जनवरी की रात सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं. उसके बाद 15 जनवरी को सुबह से स्नान दान प्रारंभ हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन स्नान के लिए महा पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 17 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है. इस महा पुण्यकाल में सभी को स्नान कर लेना चाहिए.

घर पर कैसे करें मकर संक्रांति का स्नान?

मकर संक्रांति के प्रात:काल जब महा पुण्यकाल हो तो उस समय आप नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल और काला तिल मिला लें. फिर आप नीचे दिए गए दो मंत्रों में से किसी भी एक का उच्चारण करके स्नान प्रारंभ कर दें.

मकर संक्रांति स्नान दान का समय

15 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान का समय सुबह 07:17 बजे से सुबह 09:04 बजे तक है. इस समय मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल रहेगा. इसमें आप स्नान, दान और पूजा पाठ करे, सूर्य देव की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

Happy Makar Sankranti 2023 Wishes Live Updates: अपनों का साथ पा कर झूमे ये मन ... भेजें मकर संक्रांति की बधाई

इस साल 15 जनवरी को है मकर संक्रांति

इस साल सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 08 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है. उस समय ही मकर संक्रांति का क्षण है, लेकिन उस समय में स्नान और दान कैसे होगा? इस वजह से अगले दिन सूर्योदय के बाद मकर संक्रांति का स्नान और दान होगा.

मकर संक्रांति से जुड़ी मान्यता

मान्यतानुसार मकर संक्रांति इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इस दिन सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं. हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यता के मुताबिक संक्रांति से शुभ कार्य की शुरुआत की जा सकती है यानी विवाह का मुहूर्त निकलवाना हो, शादी करनी हो या अन्य शुभ कामों की शुरुआत भी इस दिन से कर सकते हैं. कई लोग इसे खिचड़ी के पर्व के नाम से भी जानते हैं. आप इस दिन की शुरुआत भगवान का नाम लेने के बाद अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को sms, मैसेजेस आदि के जरिए शुभकामना संदेश भेज कर सकते हैं.

मकर सक्रांति के अवसर पर वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में पवित्र स्नान किया

पंजाब: मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अरदास की और स्नान किया

पश्चिम बंगाल: मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं ने दक्षिण 24 परगना के गंगासागर में स्नान किया

उत्तर प्रदेश: मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं ने संगम तट पर स्नान किया

उत्तराखंड: मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाई

मकर संक्रांति: काशी में उमड़ा हुजूम, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

मकर संक्रांति के अवसर आज हजारों श्रद्धालुओं ने काशी के गंगा में पावन डुबकी लगाई. आज के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. धार्मिक मान्याताएं हैं कि आज के दिन काशी के गंगा में डुबकी लगाने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

मकर संक्रांति स्नान दान का शुभ मुहूर्त

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश - रात 08.57 (14 जनवरी 2023)

मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)

अवधि - 10 घण्टे 38 मिनट्स

मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)

अवधि - 01 घण्टा 46 मिनट्स

मकर संक्रांति का पुण्य काल

मकर संक्रांति महा पुण्य काल सुबह 7:15 बजे शुरू होगा

मकर संक्रांति पर पड़ रहे 4 शुभ योग

मकर संक्रांति के दिन 15 जनवरी को चार शुभ योगों के कारण महायोग बन रहा है. मकर राशि में शुक्र शनि और सूर्य मिलकर त्रिग्रही योग बना रहे हैं. शास्त्रों के अनुसार इस साल मकर संक्रांति पर सुकर्म योग, शश योग, सुनफा योग और वाशी योग बन रहे हैं और इस दिन चित्रा नक्षत्र भी है. इन योगों से बनने वाले महायोग में स्नान और दान करने से आपको अपार पुण्य की प्राप्ति हो होगी और अपनी राशि के अनुसार दान करने से आप धन के धनी भी बनेंगे.

सूर्य के उत्तरायण होने का अर्थ

मान्यताओं के अनुसार, मकर सक्रांति के दिन से सूर्य देव का रथ दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर मुड़ता है. सूर्य देव हमारी ओर मुख करते हैं. वे पृथ्वी की ओर हो जाते हैं. इसके कारण सूर्य पृथ्वी के निकट आने लगते हैं. सर्दी कम होने लगती है और गर्मी बढ़ने लगती है. मकर संक्रांति को सूर्य उत्तरायण होते हैं.

गंगा स्नान का विधान

इस दिन गंगा स्नान का भी विधान है. अगर संभव न हो तो घर पर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें. इसके बाद सूर्य के तरफ मुंह करके तिलांजलि दें.

मकर संक्रांति के दिन करें ये उपाय

धार्मिक दृष्टि से मकर संक्रांति के दिन तिल दान का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन काले तिल का दान जरूर करें. इससे साढ़े साती और शनि ढैय्या दोष का प्रभाव कम होता है.

पितामह भीष्म ने की थी उत्तरायण की प्रतीक्षा

उत्तरायण से जुड़ी धार्मिक मान्यता भी है. महाभारत के युद्ध के समय जब भीष्म पितामह को प्राण त्यागने होते हैं, तो वे सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा करते हैं. तक तक वे रणभूमि में बाणों की शैय्या पर लेटे रहते हैं. सूर्य के उत्तरायण होने पर वे अपने प्राण त्यागते हैं. ऐसी मान्यता है कि उत्तरायण में जिनके प्राण निकलते हैं, उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है.

मकर संक्रांति 2023 स्नान-दान मुहूर्त (Makar Sankranti 2023 Muhurat)

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश - रात 08.57 (14 जनवरी 2023)

मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)

अवधि - 10 घण्टे 38 मिनट्स

मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)

अवधि - 01 घण्टा 46 मिनट्स

मकर संक्रांति 2023 पुण्य काल

मकर संक्रांति पुण्य काल 15 जनवरी को सुबह 7:15 बजे से 5:46 बजे तक रहेगा.

15 जनवरी को है मकर संक्रांति

इस वर्ष यह पर्व 15 जनवरी, 2023 रविवार को पड़ रहा है.

मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान का महत्व

मकर संक्रांति के दिन स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन सभी को गंगा में स्नान करना चाहिए. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन नदियों में स्नान करने से सभी पापों से छूटकारा मिलता है. अगर आप नदी स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं तो घर पर ही नहाने की पानी में गंगा जल मिलकर स्नान कर लें.

खिचड़ी का दान

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का दान जरूर करना चाहिए. ऐसे करने से शनि दोष दूर होता है. इस दिन चावल और उड़द की काली दाल का खिचड़ी बनाकर गरीबों के बीच दान करें.

गुड़ का दान

धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गुड़ का दान करने से शनि, गुरु और सूर्य तीनों के दोष दूर होते हैं. ऐसे में मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ के लड्डू दान जरूर करें.

कंबल का दान

मकर संक्रांति के दिन काला कंबल का दान करना बेहद शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस दिन गरीबों के बीच काला कंबल का दान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से राहु के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं.

घी का दान

मकर संक्रांति के दिन घी का दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन घी का दान करने से सूर्य और गुरु का दोष दूर होता है. ऐसे में इस दिन आपको देसी घी का दान जरूर करना चाहिए.

मकर संक्रांति पर तिल का दान

मकर संक्रांति को तिल संक्रांति भी कहा जाता है. इस दिन तिल का विशेष महत्व होता है. मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करने से शनि दोष दूर होता है. इस दिन आपको भगवान विष्णु, सूर्य देव और शनि देव की तिल से पूजा करनी चाहिए.

मकर संक्रांति पर की जाती है भगवान सूर्य की पूजा

त्योहार के दौरान लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं. वे पवित्र जल, नदियों में एक पवित्र डुबकी लगाना शुभ माना जाता है.

मकर संक्रांति कब है?

इस वर्ष यह पर्व 15 जनवरी, 2023 रविवार को पड़ रहा है.

मकर संक्रांति महापुण्य काल

मकर संक्रांति महा पुण्य काल सुबह 7:15 बजे शुरू होगा

मकर संक्रांति पुण्य काल

मकर संक्रांति पुण्य काल सुबह 7:15 बजे से 5:46 बजे तक रहेगा.

मकर संक्रांति को कई नामों से जाना जाता है

द्रिक पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल, पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण और हरियाणा और पंजाब में माघी के रूप में मनाया जाता है.

मकर संक्रांति कब है?

लोहड़ी के एक दिन बाद मकर संक्रांति मनाई जाती है. इस वर्ष यह पर्व 15 जनवरी, 2023 रविवार को पड़ रहा है. द्रिक पंचांग के अनुसार संक्रांति तिथि 15 जनवरी को 8:57 बजे रहेगी. वहीं मकर संक्रांति पुण्य काल सुबह 7:15 बजे से 5:46 बजे तक रहेगा. दोपहर (अवधि - 10 घंटे 31 मिनट) और मकर संक्रांति महा पुण्य काल सुबह 7:15 बजे शुरू होगा और रात 9:00 बजे समाप्त होगा (अवधि - 1 घंटा 45 मिनट).

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?

हिंदू समुदाय के लोग मकर संक्रांति मनाते हैं क्योंकि वे इस अवधि को शुभ मानते हैं. अधिकांश क्षेत्रों में संक्रांति उत्सव दो से चार दिनों तक चलता है. त्योहार के दौरान लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं. वे पवित्र जल, नदियों में एक पवित्र डुबकी लगाना शुभ माना जाता है. इस दिन जरूरतमंदों को दान करते हैं, पतंग उड़ाते हैं, तिल और गुड़ से बनी मिठाई तैयार करते हैं.

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