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अब भारतीय भाषाओं में भी बना सकेंगे ई-मेल आइडी

ई-मेल आइडी हिंदी में क्यों नहीं हो सकती, यह सवाल आप सब के मन में आता होगा. यह आसान तो नहीं, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है. भारत में इंटरनेट यूजर्स लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में टेक दिग्गज कंपनियों ने देसी ई-मेल आइडी लाने की तरफ कदम बढ़ाया है. दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां जैसे […]

ई-मेल आइडी हिंदी में क्यों नहीं हो सकती, यह सवाल आप सब के मन में आता होगा. यह आसान तो नहीं, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है. भारत में इंटरनेट यूजर्स लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में टेक दिग्गज कंपनियों ने देसी ई-मेल आइडी लाने की तरफ कदम बढ़ाया है. दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और भारतीय कंपनी रेडिफ जल्द ही भारतीय भाषाओं में ई-मेल आइडी की शुरुआत कर सकती है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने सरकार ने ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर्स को हिंदी में ई-मेल एड्रेस सपोर्ट देने को कहा है.

माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक इसके लेटेस्ट सॉफ्टवेयर इंटनेशनल ई-मेल एड्रेस सपोर्ट करते हैं. इसके अलावा जीमेल ने 2014 से नॉन लैटिन यानी देवनागरी और चीनी भाषा का सपोर्ट देना शुरू किया है. कंपनी के एक ब्लॉग के मुताबिक जीमेल यूजर्स किसी तरह के लिखे कैरेक्टर्स वाले एड्रेस का ई-मेल सेंड और रिसीव कर सकते हैं.

रेडिफ के सीइओ अजीत बालाकृष्णन के मुताबिक कंपनी ऐसे ई-मेल (लोकल भषाओं में) को आसानी से शुरू किया जा सकता है. लेकिन इसके लिए सरकार को इंटरनेट एक्सेस की कीमत घटा कर 50 रुपये तक करनी होगी ताकि आम लोगों तक इंटरनेट पहुंच सके. उन्होंने कहा कि लोक लैंग्वेज में इंटरनेट यूज बढ़ रहा है . 7 से 8 साल पहले हमें तमिल भाषा की वेबसाइट बंद करनी पड़ी थी, लेकिन फिलहाल उम्मीद है कि हिंदी की वेबसाइट आगे बेहतर करेगी.

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