Google Chrome Security Update : दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शुमार, गूगल (Google) अपने इंटरनेट ब्राउजर क्रोम (Chrome) की सिक्योरिटी को लेकर बड़ा काम करने जा रहा है. गूगल क्रोम ब्राउजर में सिक्योरिटी अपडेट के मोर्चे पर बड़ा बदलाव करने जा रही है. गूगल के इस कदम से क्रोम यूजर्स को हैकर्स से मजबूत सुरक्षा मिल सकेगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गूगल क्रोम दुनियाभर में सबसे ज्यादा यूज किये जानेवाले ब्राउजर्स में शामिल है. इसका इस्तेमाल ज्यादातर स्मार्टफोन और लैपटॉप यूजर्स करते हैं.
अपने यूजर्स को नयी रिलीज के बीच सिक्योरिटी अपडेट भी भेजता है क्रोम
गूगल क्रोम वेब ब्राउजर के नये सिक्योरिटी अपडेट की बात करें तो आपको बता दें कि क्रोम का एक प्रमुख एडिशन हर महीने शिप होता है. गूगल क्रोम अपने यूजर्स को नयी रिलीज के बीच सिक्योरिटी अपडेट भी भेजता है. वहीं, एक नये ब्लॉग पोस्ट की मानें, तो आने वाले समय में यह सब कुछ बदलने जा रहा है. अब तक यही देखा गया है कि गूगल क्रोम में सिक्योरिटी अपडेट हर दो हफ्ते में आते रहते हैं.
CERT-In का क्रोम को लेकर अलर्ट
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करनेवाली एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पाॅन्स टीम (CERT-In) ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए एक हाई रिस्क वॉर्निंग जारी की है. CERT-In ने क्रोम यूजर्स को संभावित सुरक्षा जोखिमों के प्रति सचेत करते हुए, गूगल क्रोम के कुछ वर्जन में कई कमजोरियों के बारे में बताया है. इसके साथ ही, जल्द से जल्द अपना क्रोम अपडेट करने को कहा है.
...ताकि आपको पता चल सके कि नये अपडेट उपलब्ध हैं
टेक रिव्यूअर टॉम्सगाइड की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल क्रोम एडिशन 116 से शुरू होकर सिक्योरिटी अपडेट प्रमुख एडिशन अपडेट के बीच हर हफ्ते रिलीज किये जाएंगे. अपडेट के बारे में जानकारी क्रोम में आपकी प्रोफाइल पिक्चर के बगल में बबल के रूप में अधिक से अधिक बार दिखाई देगी, ताकि आपको पता चल सके कि नये अपडेट उपलब्ध हैं. आपको बता दें, इस अपडेट का इस बात से कोई लेना देना नहीं है कि आप गूगल के ब्राउजर का इस्तेमाल कैसे करते हैं.
सिक्योरिटी से खामी को ठीक करने में भी सक्षम
माइक्रोसॉफ्ट एज और दूसरे मॉडर्न ब्राउजर्स की ही तरह गूगल क्रोम ओपन सोर्स प्रोजेक्ट क्रोमियम द्वारा संचालित है. कोई भी इसके सोर्स कोड को देखने के साथ ही साथ चेंज सबमिट करने और सिक्योरिटी से खामी को ठीक करने में भी सक्षम है. एक बार जब चेंज को आखिरी स्वरूप दे दिया जाता है, तो उन्हें क्रोम के कैनरी और बीटा चैनलों पर यूजर्स के लिए पेश किया जाता है जो उन्हें स्टेबिलिटी, परफॉर्मेंस काे टेस्ट करने के लिए पहले प्राप्त करते हैं.
सुरक्षा खामियों की पहचान करने में होगी आसानी
गूगल क्रोम सिक्योरिटी अपडेट सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध कराने से पहले उन अपडेट्स का ट्रायल करना, उनके द्वारा उत्पन्न होने वाली किसी भी समस्या को ढूंढ़ने और उसे दुरुस्त करने का एक शानदार तरीका है. इस तरह का प्रक्रिया का अनुसरण करने से कैनरी और बीटा चैनल यूजर्स और बाकी सभी के बीच एक पैच डिफरेंस आता है. ज्यादातर क्राेम यूजर्स को उन्हें ठीक करने के लिए पैच मिलने से पहले हैकर्स सुरक्षा खामियों की पहचान करने और उनका फायदा उठाने के लिए अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में सर्च इंजन दिग्गज गूगल अपने वेब ब्राउजर क्रोम के पैच डिफरेंस को अपडेट में बहुत हद तक कम करने में कामयाब हो सकता है.