सिलीगुड़ी. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) विधेयक संसद में पास होने के बाद कई अन्य राज्यों के विधानसभाओं में भी पास हो गया है और केन्द्र सरकार ने एक जुलाई से जीएसटी को लागू करने का निर्णय लिया है. उसके बाद भी जीएसटी को लेकर सिलीगुड़ी के कारोबारियों तथा व्यापारियों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि एक जुलाई से वह लोग इस नये टैक्स को किस प्रकार से कारगर कर पायेंगे, क्योंकि राज्य विधानसभा ने अब तक इस विधेयक को पास नहीं किया है.
ऐसी परिस्थिति में सिलीगुड़ी के कारोबारियों की चिंता काफी बढ़ गई है. इन लोगों ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा को पत्र लिख कर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. सिलीगुड़ी में हार्डवेयर मर्चेन्ट एसोसिएशन (एचएमए) की ओर से इस आशय का पत्र भेजा गया है. एचएमए के अध्यक्ष सुरेश कुमार गुप्ता ने अपने पत्र में जीएसटी को देश में सबसे बड़े कर सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है. इसके साथ ही इस मुद्दे को लेकर सिलीगुड़ी के कारोबारियों के समक्ष आने वाली समस्याओं की ओर भी दोनों मंत्रियों का ध्यान खींचा है. उन्होंने कहा है कि जीएसटी विधेयक को एक जुलाई से लागू तो किया जा रहा है, लेकिन इसके प्रावधान काफी कठिन बनाये गये हैं. आम कारोबारियों को इन प्रावधानों से काफी परेशानी होगी. कई प्रकार के रिटर्न भरने का प्रावधान रखा गया है. मासिक, तिमाही तथा वार्षिक रिटर्न भरना जरूरी है. इतनी कागजी कार्रवाई छोटे तथा मध्यम कारोबारियों के लिए काफी मुश्किल है. श्री गुप्ता ने अपने पत्र में कई वस्तुओं पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाये जाने का भी विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि जीएसटी में हार्डवेयर गुड्स, प्नाइवुड, सीमेंट, फर्नीचर, इलेक्ट्रिकल गुड्स आदि पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाये गये हैं. स्वाभाविक रूप से इन वस्तुओं का कारोबार करने वाले व्यापारी काफी प्रभावित होंगे.
उन्होंने जीएसटी विधेयक में टैक्स अधिकारियों को अत्यधिक शक्ति प्रदान करने पर भी अपनी चिंता प्रकट की है. उन्होंने कहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स अधिकारियों को सर्च, सीज, सम्मन भेजने, यहां तक कि गिरफ्तार करने तक का अधिकार दिया गया है. विभागीय अधिकारी अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर सकते हैं. उन्होंने जीएसटी में घपला करने वाले कारोबारियों के खिलाफ सिर्फ पेनाल्टी लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि टैक्स अधिकारियों को इतने अधिकार मिल जाने से कारोबारी आतंकित हैं. श्री गुप्ता ने अपने पत्र में इतनी हड़बड़ी में इस कानून को लागू किये जाने पर भी अपनी चिंता प्रकट की है.
उन्होंने कहा है कि जीएसटी के लिए अभी पूरा सिस्टम तैयार नहीं है. न तो अधिकारियों को कोई जानकारी दी गई है और न ही व्यापारियों को ठीक से प्रशिक्षित किया गया है. जीएसटी के लिए आइटी सिस्टम को भी अब तक दुरुस्त नहीं किया गया है. श्री गुप्ता ने दोनों मंत्रियों से इन तमाम मुद्दों पर विचार करने का अनुरोध किया है.