इस महिला का इलाज करने वाली चिकित्सक डॉ स्मिता दास घोष ने बताया कि रोगी महिला जब यहां चिकित्सा कराने आयी तो महज साढ़े तीन महीने का गर्भ था. अल्ट्रासाउंड से पता चला कि रोगी के गर्भाशय का मुंह अभी से ही खुलने लगा है और रक्तस्राव भी हो रहा है. इसके बाद ऑपरेशन किया गया और गर्भाशय का मुंह बंद किया गया.
उस महिला ने चौथी बार गर्भधारण किया था.इसके अलावा और भी कई तरह की समस्याएं मरीज को हो रही थी. उनकी टीम द्वारा रोगी की लगातार देखरेख की गयी. 28 हफ्ते और तीन दिन के बाद सीजर प्रसव कराया गया. इस संबंध में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रिंस पारख ने बताया है कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों को थोड़ी समस्याएं होती हैं. उनकी टीम ने इन समस्याओं को दूर कर दिया है. बच्चा और जच्चा दोनों स्वस्थ हैं और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.