पुरूषों के साथ काम करने के दौरान कुछ यौन उत्पीड़न की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं. हम सभी को आपसी समझदारी के साथ एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए ताकि इस प्रकार की अप्रिय घटनाएं न घटे . श्रीमती भारती घोष ने कहा कि बल के अंदर महिलाओं की तैनाती को देखकर मुझे अति प्रसन्नता हुई है्र. ये महिलाएं वर्दी पहनकर देश की सुरक्षा में जुटी हैं.यह महिलाओं के लिए गर्व की बात है. विषेश पुलिस अधीक्षक श्रीमती पाल ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न के रोकथाम के बारे में विस्तार से बताया और साथ ही यह भी कहा कि महिलाएं भी गलत शिकायत कभी मत दर्ज कराएं . उन्होंने कहा कि आज महिलाओं की गरिमा की रक्षा के लिए नये-नये कानून आ गये हैं, जिनसे महिलाओं को सुरक्षा मिली है.
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एसएसबी ने मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामले पर जतायी चिंता सशक्त नारी से ही देश का होगा विकास
रानीडंगा: एसएसबी. सीमान्त सिलीगुड़ी ने सीमान्त प्रशिक्षण केन्द्र रानीडंगा में अन्तर्राश्ट्रीय महिला दिवस मनाया. इस अवसर पर विषेश पुलिस अधीक्षक श्रीमती ओ.जी. पाल विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थीं. इसके अतिरिक्त टेबिल टेनिस कोच भारती घोष,अधिवक्ता एवं समाज सेवी ज्योत्सना अग्रवाल भी इस अवसर पर उपस्थित थीं. सभी सम्मानित अतिथियों को सशस्त्र सीमा बल […]
रानीडंगा: एसएसबी. सीमान्त सिलीगुड़ी ने सीमान्त प्रशिक्षण केन्द्र रानीडंगा में अन्तर्राश्ट्रीय महिला दिवस मनाया. इस अवसर पर विषेश पुलिस अधीक्षक श्रीमती ओ.जी. पाल विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थीं. इसके अतिरिक्त टेबिल टेनिस कोच भारती घोष,अधिवक्ता एवं समाज सेवी ज्योत्सना अग्रवाल भी इस अवसर पर उपस्थित थीं.
सभी सम्मानित अतिथियों को सशस्त्र सीमा बल की ओर से स्मृति चिन्ह एवं साल प्रदान कर सम्मानित किया गया. सीमान्त मुख्यालय के कमांडेंट संतोष कुमार धर ने इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन महान है. हम विश्व की लगभग आधी आबादी का स्मरण कर इस दिवस को मना रहे हैं. सशक्त नारी से ही देश सशक्त होगा. कोई भी देश तरक्की के शिखर पर तब तक नहीं पहुंच सकता जब तक उस देश की महिलाएं पुरूषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर न चलें. सशस्त्र सीमा बल महिलाओं के सम्मान एवं अधिकारों के लिए सदैव समर्पित रहा है. सशस्त्र सीमा बल देश का पहला सीमा रक्षक बल है जहां महिला आरक्षियों को सीमा सुरक्षा हेतु तैनात किया गया था. वर्तमान में इस सीमान्त मुख्यालय सिलीगुड़ी के अन्तर्गत 198 महिला बलकर्मी विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं.
इस अवसर पर श्रीमती ज्योत्सना अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि वैदिक युग में महिलाओं का बहुत सम्मान था. बाद में महिलाओं को घर के अंदर रखने की परंपरा शुरू कर दी गयी.उन्हें शिक्षा ग्रहण करने के अधिकार से भी वंचित रखा जाने लगा. इससे महिलाओं का सम्पूर्ण विकास रूक गया. आजादी के बाद धीरे-धीरे स्थिति में सुधार हो रहा है.
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