उल्लेखनीय है कि हावड़ा के डुमुरजोला स्टेडियम में आगामी 12 फरवरी से शुरू होने वाले उत्सव के लिए एक निजी कंपनी, रिसर्च एग्जीबिशन व इवेंट प्राइवेट लिमिटेड (इंडिया) को हावड़ा इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (एचआइटी) ने इजाजत दी थी. इसके लिए गत तीन जनवरी को उक्त निजी कंपनी ने एचआइटी को स्टॉल के लिए रुपये भी दिये. हालांकि गत 25 जनवरी को एचआइटी ने कहा कि मेले के आयोजन की इजाजत नहीं दी जा सकती, क्योंकि इसके खिलाफ गौतम साह नामक व्यक्ति ने मामला किया है. उसमें कहा गया है कि बगैर टेंडर के उत्सव के आयोजन की अनुमति दी गयी. हालांकि तब तक उक्त निजी कंपनी ने 66 लाख रुपये जमा भी कर दिये थे.
कलकत्ता हाइकोर्ट में न्यायाधीश देवांशु बसाक की अदालत में मामले की सुनवाई में अदालत ने कहा कि चूंकि नियमों का पालन नहीं किया गया, इसलिए वह मेले की इजाजत नहीं दे सकते. हालांकि निजी कंपनी अपनी क्षतिपूर्ति को हासिल करने के लिए खंडपीठ में याचिका दायर कर सकती है. लिहाजा मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में मामले का उल्लेख किया गया. शुक्रवार को खंडपीठ ने कहा कि चूंकि उक्त निजी कंपनी का काफी रुपया खर्च हो गया है इसलिए मेले के आयोजन की अनुमति दी जा रही है, लेकिन उक्त निजी कंपनी को एचआइटी के सभी नियमों को आयोजन में मानना होगा. निजी कंपनी के वकील मोहम्मद मुकाबिल हुसैन हैं.