जलपाईगुड़ी : कड़ाके की ठंड भरी रात में सड़क पर पड़ी मानसिक रूप से बीमार एक किशोरी को टोटो चालकों ने बचाकर मानवता का परिचय दिया है. वह किशोरी एक अस्पताल से भाग गई थी. रात के अंधेरे में उसके साथ कोई भी बुरी दुर्घटना घट सकती थी. एक टोटो चालक की नजर उस पर पड़ी और उसने अपने अन्य साथियों को इसकी जानकारी दी.
उसके बाद कुछ टोटो चालक मिलकर किशोरी को एक सरकारी होम निजलय ले गये. इस घटना के बाद जहां टोटो चालकों ने एक सही मानवता का परिचय दिया है, वहीं दूसरी ओर होम प्रबंधन तथा अस्पताल प्रबंधन एक-दूसरे पर दोषारोपण करने में लग गये हैं. जलपाईगुड़ी शहर के पंडापाड़ा इलाके में यह गैर सरकारी निजलय होम है. यहां अनाथ तथा मानसिक रूप से विकलांग बच्चियों को रखा जाता है. इसके अलावा तस्करी की शिकार बरामद लड़कियों को भी यहीं रखा जाता है.
वर्तमान में इस होम में 59 किशोरियां रहती हैं. इन सभी की उम्र 18 साल से कम है. बुधवार की रात को निजलय होम से इस 13 वर्षीय किशोरी के साथ ही एक अन्य लड़की को भी जलपाईगुड़ी जिला सदर अस्पताल में भरती कराया गया था. बृहस्पतिवार को यह लड़की अस्पताल से भाग गई थी. रात को शंकर सहनी नामक एक टोटो चालक की इस पर नजर पड़ गई. शंकर ने रात को करीब आठ बजे तीन नंबर गुमटी इलाके में इस लड़की को इधर-उधर घुमते देखा. तब उसने इस बात पर उतना ध्यान नहीं दिया. वह अपने टोटो से सवारियों को लाने-ले जाने में व्यस्त हो गया. रात में 11 बजे बैगूनटारी मोड़ इलाके में फिर उसकी नजर उस लड़की पर पड़ गई. तब उसे कुछ संदेह हुआ. शंकर ने बताया है कि रात 11 बजे एक किशोरी को अकेले देखकर कोई भी बदमाशी बदमाशी कर सकते थे.
इसी वजह से उसने लड़की से पूछताछ शुरू कर दी. वह कुछ बता नहीं पा रही थी. उसके बाद उसने इस बात की जानकारी एक अन्य टोटो चालक अपू देबनाथ तथा कदमतला के एक व्यवसायी अतनु सरकार को दी. वह दोनों भी मौके पर पहुंच गये. काफी पूछताछ के बाद किशोरी ने निजलय होम की जानकारी दी. रात साढ़े बारह बजे सभी लोग उसे निजलय होम ले गये. किशोरी ने बताया है कि इस होम में उसके साथ काफी मारपीट की जाती है. होम के अत्याचार से परेशान होकर आत्महत्या के लिए वह बुधवार को मच्छर मारने का तेल पी गई थी.
उसी वजह से उसे अस्पताल में भरती कराया गया था. टोटो चालक शंकर सहनी ने बताया है कि बरामद किये जाने के बाद काफी पूछताछ के बाद लड़की ने वहां भी अत्याचार किये जाने की बात कही थी. इधर, होम प्रबंधन की ओर से शिखा धर ने बताया है कि 23 दिसंबर को अलीपुरद्वार के सामुकतला स्थित एक गैर सरकारी होम से इस किशोरी को यहां भेजा गया था. इससे पहले वह सिलीगुड़ी के एक होम में थी. उसके पिता नहीं हैं. वह मूल रूप से सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा की रहने वाली है. उसके मां को खबर दे दी गई है. उन्होंने आगे कहा कि लड़की जिला अस्पताल से शाम को ही भाग गई थी. उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन की ओर से होम को कोई जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने अत्याचार करने के आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि शनिवार को किशोरी की मां यहां पहुंच जायेगी. उसके साथ बातचीत के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. जलपाईगुड़ी जिला सदर अस्पताल के अधीक्षक गयाराम नस्कर ने बताया है कि होम से किशोरी को अस्पताल में भरती कराया गया था. किशोरी के साथ एक सहयोगी का होना जरूरी था. होम की ओर से यह व्यवस्था नहीं की गई थी. अस्पताल प्रबंधन की ओर से ही किशोरी पर निगरानी रखी जा रही थी. उसके बाद भी वह कैसे भाग निकली, इसकी जांच की जा रही है.