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अपहृत दवा कंपनी के एमडी मुक्त

कोलकाता/हजारीबाग. कोलकत्ता स्थित पुरुषोत्तम होमियो लेबोरेटरी के एमडी सुदीप्तो मुखर्जी को हजारीबाग पुलिस ने गुरुवार देर रात अपराधियों के चंगुल से मुक्त करा लिया. अपहृत सुदीप्तो को रांची के ओरमांझी स्थित चकला में भोला पांडेय के घर में रखा गया था. पुलिस ने मौके से ही तीन अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया है. पकड़े गये […]

कोलकाता/हजारीबाग. कोलकत्ता स्थित पुरुषोत्तम होमियो लेबोरेटरी के एमडी सुदीप्तो मुखर्जी को हजारीबाग पुलिस ने गुरुवार देर रात अपराधियों के चंगुल से मुक्त करा लिया. अपहृत सुदीप्तो को रांची के ओरमांझी स्थित चकला में भोला पांडेय के घर में रखा गया था. पुलिस ने मौके से ही तीन अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया है. पकड़े गये अपराधियों में बिहार के जमुई निवासी चंदन कुमार साव, मुंगेर के हवेली खड़गपुर के वैजनपुर निवासी कुंदन कुमार मंडल व भोला पांडेय के पुत्र राजू पांडेय हैं.

पुलिस ने तीनों अपराधियों को उस वक्त गिरफ्तार किया, जब रात में अपहृत सुदीप्तो को बीच में सुला कर सभी अगल-बगल में सो रहे थे. पुलिस के अनुसार गिरोह का सरगना अनूप तिवारी और गोपाल तिवारी समेत पांच अपराधी फरार हैं. पुलिस सभी अपराधियों की तलाश कर रही है. एमडी सुदीप्तो मुखर्जी को अगवा करने के बाद 50 लाख रुपये की फिरौती अपहरणकर्ताओं ने मांगी थी. 27 दिसंबर की रात चौपारण स्थित प्रतापगढ़ सिंह ढाबा से अपराधियों ने सुदीप्तो का अपहरण कर लिया था.

बिहार में मिल रहा था लोकेशन
एसपी भीमसेन टुटी ने बताया कि सुदीप्तो मुखर्जी के मोबाइल से उनके परिजनों को फोन किया गया था. फोन से अपराधियों ने परिजनों से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. एसपी ने बताया कि उक्त नंबर को खंगाला गया, तो लोकेशन बिहार मिला.
हथियार के बल पर किया अपहरण
एमडी सुदीप्तो मुखर्जी और जीएम त्रिनाथ चटर्जी स्कॉर्पियो वाहन से बनारस जा रहे थे. इसी बीच वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसके बाद दोनो जीटी रोड स्थित चौपारण के प्रतापगढ़ सिंह ढाबा में रुके. दोनों ने जहानाबाद से दूसरे वाहन को मंगवाया. वाहन देर से पहुंचा. इस बीच दो अपहरणकर्ता एमडी और जीएम से मिले और खुद को अधिकारी कह कर बात करने लगे. दोनों ने एमडी ओर जीएम को शराब पीने का अॉफर दिया. इसके बाद त्रिनाथ चटर्जी शराब पीने लगे, जबकि एमडी ने शराब नहीं पी. वह सिगरेट पीने के लिए होटल के कुछ दूरी पर एक गुमटी जाने लगे. इसी बीच अपराधियों ने कुछ साथियों को बुलाया. उसके बाद गुमटी के पास ही बोलेरो में हथियार के बल पर बैठा लिया और वहां से निकल गये. छापेमारी में मुख्य रूप से चौपारण थाना प्रभारी सुदामा कुमार और बरही इंसपेक्टर अवधेश सिंह समेत कई पुलिस पदाधिकारी शामिल थे.
कैसे हुआ मुक्त
बताया जाता है कि सुदीप्तो को अगवा करने के बाद सभी एक बोलेरो वाहन से चकला पहुंचे थे. अपहृत को दो दिनों तक भोला पांडेय के घर में रखा गया था. इधर, अपहरण के बाद पुलिस ने चौपारण में घटनास्थल से एक बाइक बरामद की थी. जांच करने पर पता चला था कि बाइक चौपारण के चक गांव निवासी एक व्यक्ति की है. बाइक चक गांव निवासी गोपाल तिवारी मांग कर ले गया था. होटल संचालक से पूछताछ में पता चला कि गोपाल के साथ उसका चाचा अनूप तिवारी भी था. इसके बाद पुलिस ने दोनों के घरों में छापेमारी की, लेकिन दोनों नहीं मिले. बाद में पुलिस ने रामगढ़ के छतर मांडू में रहनेवाले उसके रिश्तेदारों के घर में भी छापेमारी की. वहां पूछने पर पता चला कि अनूप और गोपाल का एक ठिकाना ओरमांझी का चकला गांव भी है. बाद में पुलिस रांची पहुंची और ओरमांझी के चकला गांव में छापेमारी की, जहां से सुदीप्तो को मुक्त कराया गया और अपराधियों को गिरफ्तार किया गया.

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