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धारा 304(ए) लगाने के खिलाफ निजी बसों की हड़ताल

मालदा. सड़क दुर्घटनाओं में चालकों को गिरफ्तार करने की परंपरा से गुस्साये निजी बस चालकों ने अनिश्चितकाल के लिए बसें बंद रखने की घोषणा कर दी. निजी बसों का चक्का अचानक रुक जाने से रोज यातायात करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हुई. शनिवार की सुबह से मालदा जिले के सभी रूटों की प्राइवेट बसें […]

मालदा. सड़क दुर्घटनाओं में चालकों को गिरफ्तार करने की परंपरा से गुस्साये निजी बस चालकों ने अनिश्चितकाल के लिए बसें बंद रखने की घोषणा कर दी. निजी बसों का चक्का अचानक रुक जाने से रोज यातायात करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हुई. शनिवार की सुबह से मालदा जिले के सभी रूटों की प्राइवेट बसें डिपो में खड़ी थीं. निजी बस चालकों द्वारा बुलाये गये इस बंद को निजी बस मालिक समिति व कई राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन दिया. आंदोलनकारी निजी बस चालकों का कहना है कि आइपीसी की धारा 304(ए) (गैरइरादतन हत्या) का प्रयोग बंद ना करने पर अनिश्चितकाल तक आंदोलन जारी रहेगा.
मालदा के जिला शासक शरद द्विवेदी ने बताया कि निजी बस चालकों द्वारा बुलाये गये अनिश्चितकालीन बंद की बात कान में पड़ी है. समस्या के जल्द समाधान का प्रयास किया जा रहा है. निजी बस चालकों से विरोध प्रदर्शन समाप्त करने को कहा गया है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीते गुरुवार की शाम वामनगोला थाना अंतर्गत नालागोला स्टैंड के पास एक राहगीर ने चलती बस में चढ़ने की कोशिश की और गिर गया. इस घटना में उसका सिर फट गया. स्थानीय लोगों ने उसे आनन-फानन में निकटवर्ती मोदीपुकुर ग्रामीण अस्पताल में पहुंचाया. लेकिन इलाज के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया. उसकी मौत के बाद पीड़ित परिवार की ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने बस चालक उत्तम तरफदार को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को चालक के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 304(ए) के तहत मामला दर्ज कर आरोपी चालक को अदालत में पेश किया गया. अदालत ने चालक की जमानत याचिका खारिज उसे हिरासत में भेज दिया. इसी घटना से निजी बस चालक क्रोधित हो उठे हैं. शनिवार की सुबह से इन लोगों ने अनिश्चितकाल के लिए बंद का एलान कर दिया.
आरएसपी समर्थित श्रमिक संगठन व मोटर इम्प्लाइज यूनियन के जिला सचिव मुहम्मद काईसुद्दीन ने बताया कि चालक अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए गाड़ी चलाते हैं. रास्ते में ना चाहते हुए भी हादसा हो जाता है. सड़क में हादसों में सिर्फ चालक की ही गलती होती हो, ऐसी भी बात नहीं है. एक चालक को पेशेवर हत्यारे की तरह हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया जाये तो हमारी सुरक्षा कहां है. उन्होंने कहा कि धारा 304(ए) का प्रयोग चालकों पर बंद करना होगा, अन्यथा हमारा आंदोलन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा.
तृणमूल श्रमिक संगठन आइएनटीटीयूसी के जिलाध्यक्ष मानव बनर्जी ने बताया कि हम बंद या चक्का जाम का समर्थन नहीं कर रहे हैं. लेकिन बस चालकों की बात भी सुननी होगी. किसी भी सड़क हादसे के पीछे चालक की एक सुनिश्चित योजना नहीं होती. पुलिस को प्रत्येक घटना के पीछे के उद्देश्य की छानबीन कर ही कार्रवाई करनी चाहिए.
मालदा बस एवं मिनी बस ओनर्स एसोसिएशन के जिला सचिव निमाई विश्वास ने बताया कि जिले में करीब 350 निजी बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं. इसके अतिरिक्त उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद जिले से भी करीब 150 बसें मालदा आती-जाती है. इस कार्य के साथ जिले के हजारों चालक व खलासी जुड़े हुए हैं. चालकों की गिरफ्तारी के बाद अदालत में मामला लंबित रहने के दौरान उसके परिवार का भरण-पोषण और अदालती कार्रवाई का खर्च कौन वहन करेगा.
वामनगोला थाना प्रभारी आशुतोष पाल ने बताया कि बीते गुरुवार के एक सड़क हादसे में पुलिस ने चालक को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया. अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर पुलिस हिरासत में भेज दिया है. इसी मामले को केंद्र कर निजी बस चालकों ने चक्का जाम किया है. किस मामले में कौन सी धारा लगायी जायेगी यह कानून तय करेगा. पुलिस कानून के दायरे में रहकर काम करती है.

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