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दिल्ली में शुरू हुई गोरखालैंड आंदोलन की जोरदार तैयारी
दार्जिलिंग/सिलीगुड़ी़ अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर इस बार दिल्ली में जोरदार आंदोलन की तैयारी गोजमुमो द्वारा की जा रही है. इस पर नजर रखने के लिए गोजमुमो के कइ आला नेता पहले से ही वहां कैंप कर रहे हैं. इसके अलावा इस चार दिवसीय आंदोलन में शामिल होने के लिए सैकड़ों की संख्या […]
दार्जिलिंग/सिलीगुड़ी़ अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर इस बार दिल्ली में जोरदार आंदोलन की तैयारी गोजमुमो द्वारा की जा रही है. इस पर नजर रखने के लिए गोजमुमो के कइ आला नेता पहले से ही वहां कैंप कर रहे हैं. इसके अलावा इस चार दिवसीय आंदोलन में शामिल होने के लिए सैकड़ों की संख्या में गोजमुमो समर्थक दिल्ली जा रहे हैं. गोजमुमो के विद्यार्थी संगठन गोजविमो के 50 सदस्य शनिवार को दिल्ली रवाना हो गये. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अलग राज्य हेतु केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिये 12 दिसम्बर से 16 दिसम्बर तक आंदोलन होना है. इसमें शामिल होने के लिये गोजमुमो के केन्द्रीय महासचिव रोशन गिरि,सहसचिव विनय तामांग सहित तमाम आला नेता पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं.
युवा मोरचा के केन्द्रीय महासचिव अमृत योन्जन,गोजविमो अध्यक्ष भाष्कर राई,प्रवक्ता सन्दीप छेत्री आदि भी शनिवार को दिल्ली रवाना हो गये. पहाड़ के तीनों गोजमुमो विधायक,जीटीए सभासद,पहाड़ के चारों नगरपालिकाओं के पार्षद और चेयरमैन आदि भी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं. मोरचा सुप्रीमो विमल गुरूंग 12 दिसंबर को दिल्ली प्रस्थान करेंगे. 17 दिसम्बर से दिल्ली के जंतर-मंतर में आमरण अनशन पर सभी लोग बैठेंगे. विमल गुरूंग भी आमनण अनशन करेंगे. राजघाट से जंतर-मंतर तक पैदल यात्रा निकालने का कार्यक्रम भी गोजमुमो का है.इसबीच,गोरखालैंड के लिये भले ही विमल गुरूंग ने फिर से आंदोलन की आग को हवा देना शुरू किया हो, लेकिन धीरे-धीरे उनके पैरो तले की जमीन खिसकने लगी है. पहाड़ की राजनीति में पैर जमाने की कोशिश कर रही तृणमूल कांग्रेस ने गोजमुमो को एक करारा झटका दिया है. कर्सियांग महाविद्यालय के छात्र संसद चुनाव में तृणमूल ने बिना प्रतिद्वंदिता के ही पांच सीटो पर कब्जा जमा लिया है. तृणमूल की इस छोटी सफलता से पहाड़ की राजनीति में एक गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है. तृणमूल की इस सफलता के बाद गोजमुमो विरोधी राजनीतिक पार्टियां तृणमूल की ओर रूख कर रही है.
पहाड़ पर पहली बार तृणमूल ने किसी चुनाव में बिना प्रतिद्वंदिता के जीत का स्वाद चखा है. कर्सियांग कॉलेज के छात्र संसद चुनाव में तृणमूल छात्र परिषद ने बिना लड़ाई किये ही पांच सीटों पर कब्जा जमा लिया है. कॉलेज सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कर्सियांग कॉलेज के छात्र संसद में कुल 22 सीटे हैं. 14 दिसंबर को मतदान होना है. तृणमूल ने सभी पदों पर अपना उम्मीदवार खड़ा किया है.दूसरी ओर गोजमुमो पांच सीटों पर उम्मीदवार नहीं दे पायी. फलस्वरूप तृणमूल छात्र परिषद ने बिना लड़ाई के ही पांच सीटों पर कब्जा जमा लिया है. पहाड़ के युवा तृणमूल नेता विन्नी शर्मा ने बताया कि कर्सियांग कॉलेज के छात्र संसद के चुनाव में गोजमुमो पांच पदों पर अपना उम्मीदवार ही नहीं दे पायी. फलस्वरूप तृणमूल छात्र परिषद ने इन सीटों पर बिना किसी प्रतिद्वंदिता के जीत हासिल कर ली है. 14 दिसंबर को मतदान होना है. कर्सियांग कॉलेज की छात्र संसद पर तृणमूल का कब्जा होने की बड़ी संभावना है.
इसके अतिरिक्त कर्सियांग कॉलेज में पैर जमाने के बाद तृणमूल छात्र परिषद की नजर कालिम्पोंग कॉलेज पर होगी. गोजमुमो को हुयी राजनीतिक क्षति के संबंध में संयुक्त महासचिव विनय तामंग से बात करने पर उन्होंने बताया कि तृणमूल ने सिर्फ पांच सीटों पर विजय प्राप्त किया है. जबकि कर्सियांग कॉलेज छात्र संसद के 22 सीटो पर चुनाव होना है. जीत हमारी ही होगी.दूसरी ओर विरोधी फिर से उन पर निशाना साध रहे हैं. विरोधियों का आरोप है कि पहाड़ के चारों नगरपालिका चुनाव को सामने देखकर विमल गुरूंग फिर से गोरखालैंड आंदोलन को हवा दे रहे हैं.
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