सिलीगुड़ी. मोदी सरकार के नोटबंदी का असर इस बार पुस्तक मेले पर भी पड़ने की संभावना बनी हुइ है. नोटबंदी के फैसले के दो सप्ताह बाद भी बाजार की स्थिति सामान्य नहीं हुयी है. हर ओर पैसे की किल्लत है. मेले के शुभारंभ की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है त्यों-त्यों 34वां उत्तर बंगाल पुस्तक […]
सिलीगुड़ी. मोदी सरकार के नोटबंदी का असर इस बार पुस्तक मेले पर भी पड़ने की संभावना बनी हुइ है. नोटबंदी के फैसले के दो सप्ताह बाद भी बाजार की स्थिति सामान्य नहीं हुयी है. हर ओर पैसे की किल्लत है. मेले के शुभारंभ की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है त्यों-त्यों 34वां उत्तर बंगाल पुस्तक मेला-16 के आयोजक ग्रेटर सिलीगुड़ी पब्लिशर्स एंड बुक सेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के माथे की शिकन भी बढ़ रही है.
कमेटी से जुड़े पदाधिकारी इस बात को स्वीकार भी कर रहे हैं और मेला शुरू होने तक बाजार सुधरने की बात भी कर रहे हैं. कमेटी के सचिव सुब्रत राउत का कहना है कि इसबार मेला ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब केंद्र सरकार ने पूरे देश में नोटबंदी कर रखी है. फिलहाल इसका पूरे देश में व्यापक असर पड़ा है.
आर्थिक रूप से हालात काफी खराब हो गये हैं. हांलाकि स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रही है. श्री राउत का कहना है कि नोटबंदी का असर मेला पर न पड़े इसके लिए कमेटी काफी चिंतन-मनन कर रही है. श्री राउत ने बताया कि अंतिम वर्ष 10 दिनों के अंदर मेले में पांच करोड़ से भी अधिक का कारोबार हुआ था. इसबार नोटबंदी का खास प्रभाव न पड़े इसके लिए जरूरी कदम उठाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
मंत्री का दावा पुस्तक मेला पर नहीं पड़ेगा असरःपर्यटन मंत्री गौतम देव का दावा है कि पुस्तक मेला पर नोटबंदी का जरा भी असर नहीं पड़ेगा. मेला 25 नवंबर को शुरू होना है. चार दिसंबर को इसका समापन होगा. इस बीच बाजार की स्थिति में काफी सुधार की संभावना है और लोगों के पास रूपये की किल्लत नहीं होगी. श्री देव ने अपने तजुर्बे के आधार पर कहा कि नोटबंदी का पुस्तक मेला से कोई लेना-देना नहीं है. जो साहित्य प्रेमी व पुस्तक प्रेमी हैं वह किसी भी कीमत पर अपनी पसंदीदा किताब खरीदने खुद-ब-खुद खींचे चले आयेंगे.