सिलीगुड़ी. राज्य में जब वाम मोरचा की सरकार थी तो वाम मोरचा के नेता और मंत्री पूजा पंडाल आदि का उद्घाटन नहीं करते थे. माना जाता है कि वामपंथी नेता ईश्वर पर विश्वास नहीं करते हैं. इसी वजह से वह लोग पूजा पंडाल आदि का उद्घाटन नहीं करते थे. लगातार 34 वर्षों तक राज्य में वाम मोरचा के शासन में रहते कमोबेश यही स्थिति बनी रहती थी.
उस दौरान राज्य के अन्य स्थानों के साथ ही सिलीगुड़ी में भी दुर्गा पूजा के आयोजक किसी कलाकार, समाजसेवी अथवा किसी सेलेब्रेटी से पूजा पंडालों का उद्घाटन करते थे. वर्ष 2011 में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद यह स्थिति पूरी तरह से बदल गयी. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं भी चतुर्थी के दिन से ही पूजा पंडालों के आयोजन में व्यस्त हो जाती हैं.
कमोबेश यही स्थिति अन्य मंत्रियों की भी है. सिलीगुड़ी के रहने वाले राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव के साथ ही कूचबिहार के रहने वाले उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवीन्द्रनाथ घोष भी पूजा पंडालों के उद्घाटन में व्यस्त हैं. रवीन्द्रनाथ घोष कूचबिहार इलाके में ताबड़तोड़ पूजा पंडालों के उद्घाटन में लगे हुए हैं. बुधवार से ही इसकी शुरूआत हो गई है. तृणमूल कांग्रेस के सिर्फ यह दोनों मंत्री ही नहीं, बल्कि अन्य मंत्री, विधायक तथा नेता पूजा पंडालों के उद्घाटन में व्यस्त हैं. आलम यह है कि गौतम देव को सिलीगुड़ी में हर 15 मिनट में एक पूजा पंडाल का उद्घाटन करना पड़ रहा है. गौतम देव बुधवार से ही पूजा पंडालों का उद्घाटन कर रहे हैं.
बुधवार को उन्होंने सुबह से लेकर शाम तक करीब एक दर्जन पूजा पंडालों का उद्घाटन किया. बृहस्पतिवार को तो उन्होंने दो दर्जन पूजा पंडालों का उद्घाटन कर एक नया रिकार्ड बना दिया है. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से राजनीतिक तथा विभिन्न पूजा क्लबों की स्थिति भी पूरी तरह से बदल गई है. अधिकांश पूजा आयोजक कमेटी की जिम्मेदारी तृणमूल नेता ही संभाल रहे हैं. गौतम देव न केवल राज्य के पर्यटन मंत्री हैं, बल्कि दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं. स्वाभाविक तौर पर सभी स्थानीय नेता उनकी नजरों में आना चाहते हैं. यही वजह है कि पूजा कमेटी के आयोजक ऐसे तृणमूल नेता गौतम देव से ही पूजा का उद्घाटन करवाना चाहते हैं. मंत्री गौतम देव के ईए अंशु राय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पर्यटन मंत्री गौतम देव बृहस्पतिवार को करीब दो दर्जन पूजा का उद्घाटन कर रहे हैं. दिन के बारह बजे से ही उद्घाटन का दौर शुरू हो गया. सबसे पहले वह जातीय शक्ति संघ के पूजा पंडाल का उद्घाटन करने चंपासारी गये.
उसके बाद सीधे वह हैदरपाड़ा स्पोर्टिंग क्लब रवाना हो गये. वहां वह एक वस्त्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए. दोपहर 3.30 बजे से फिर से पूजा उद्घाटन का दौर शुरू हो गया. आलम यह था कि गौतम देव हरेक 15 मिनट अथवा आधे घंटे में एक पूजा पंडाल का उद्घाटन कर रहे थे. वह न केवल अपने विधानसभा क्षेत्र डाबग्राम-फूलबाड़ी, बल्कि अन्य विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित पूजा पंडालों का उद्घाटन किया. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के गेट पर आयोजित एक पूजा पंडाल का उद्घाटन करने के बाद वह नक्सलबाड़ी रवाना हो गये. नक्सलबाड़ी में शिवाजी संघ के पूजा पंडाल का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने बागडोगरा कॉलेज के निकट अशोक नगर स्थित महिला पूजा कमेटी द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा का उद्घाटन किया. वहां से वह माटीगाड़ा मायादेवी क्लब के पूजा का उद्घाटन करने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र फूलबाड़ी रवाना हो गये. यहां उन्होंने तीन पूजा पंडालों का उद्घाटन किया. बृहस्पतिवार को वह रात दस बजे से भी अधिक समय तक पूजा पंडालों का उद्घाटन करते रहे.