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काफी अरसे बाद मेयर और तृणमूल पार्षदों में दिखा सद्भाव
एक साथ ली चाय की चुस्की, चला हंसी मजाक का दौर सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के नागरिकों के सामने सांप और नेवले जैसा रिश्ता दिखाने वाले निगम की माकपा बोर्ड और विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों ने एक साथ बैठकर चाय की चुस्की ली. हाथ भी मिलाया और बधाइयां भी दी गयी. मेयर अशोक भट्टाचार्य ने […]
एक साथ ली चाय की चुस्की, चला हंसी मजाक का दौर
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के नागरिकों के सामने सांप और नेवले जैसा रिश्ता दिखाने वाले निगम की माकपा बोर्ड और विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों ने एक साथ बैठकर चाय की चुस्की ली. हाथ भी मिलाया और बधाइयां भी दी गयी. मेयर अशोक भट्टाचार्य ने सिलीगुड़ी नगर निगम के नये विरोधी दल नेता रंजन सरकार उर्फ राणा सरकार को बधाइ दी और सिलीगुड़ी के विकास में सहयोग मांगा. रंजन सरकार ने भी विकास कार्यों में पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है.
दो दिन पहले ही राज्य के पर्यटन मंत्री व दार्जिलिंग जिला तृणमूल अध्यक्ष गौतम देव ने सिलीगुड़ी नगर निगम के विरोधी दल नेता नांटू पाल हटा कर रंजन सरकार को नया विरोधी दल नेता बना दिया. इसी की जानकारी देने नांटू पाल की अगुवायी में तृणमूल वार्ड पार्षद मेयर के पास पहुंचे. कक्ष में प्रवेश करते ही मेयर अशोक भट्टाचार्य ने सभी से स्थान ग्रहण करने को कहा. इसके बाद नांटू पाल ने रंजन सरकार को विरोधी दल नेता बनाये जाने संबंधी पत्र मेयर के हाथों में सौंपा. इसके बाद मेयर ने रंजन सरकार उर्फ राणा से हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया और नयी जिम्मेदारी के लिये बधाइयां भी दी. इसके बाद नांटू पाल, रंजनशील शर्मा आदि ने भी एक-एक करके मेयर से हाथ मिलाया. इस दौरान मेयर परिषद सदस्य शंकर घोष भी कक्ष में उपस्थित थे. सभी ने एक साथ मिलकर चाय की चूस्की ली और हंसी मजाक किया.
नांटू पाल ने तोड़ा वादा
पार्टी के निर्णय के सामने नांटू पाल को अपना वादा भी तोड़ना पड़ा. विरोधी दल का नेता बदले जाने की जानकारी देने के लिए उन्हें मेयर कक्ष में प्रवेश करना ही पड़ा. श्री पाल ने अशोक भट्टाचार्य के मेयर रहते उनके कक्ष में प्रवेश नहीं करने का ऐलान किया था. कुछ महीने पहले नांटू पाल की अगुवायी में तृणमूल पार्षद मेयर अशोक भट्टाचार्य को ज्ञापन देने पहुंचे थे. सिलीगुड़ी के लोगों को नागरिक सेवा प्रदान करने में व्यर्थ रहने का आरोप लगाते हुए मेयर का इस्तीफा मांग था. इसके लिये तृणमूल मेयर से समय नहीं लिया था. उस समय सभी माकपा पार्षद और अपने मेयर परिषद सदस्य के साथ अशोक भट्टाचार्य उपस्थित थे.
मेयर कक्ष में मेयर परिषद सदस्य और पार्षदों की उपस्थित तृणमूल को नागवार गुजरी और उन लोगों ने ज्ञापन नहीं सौंपा. इसको लेकर तत्कालीन विरोधी दलनेता नांटू पाल ने अशोक भट्टाचार्य के मेयर रहते वे उनके कक्ष में प्रवेश नहीं करने का एलान किया था. मंगलवार को उनका यह वादा टूट गया. पार्टी के फैसले से मेयर को अवगत कराने के लिये उन्हें मेयर अशोक भट्टाचार्य के कक्ष में उपस्थित होना पड़ा.
क्या कहते हैं राणा
सिलीगुड़ी नगर निगम के नये विरोधी दल नेता रंजन सरकार उर्फ राणा ने कहा कि जितना कम बोला जाये उतना ही अच्छा रहता है. पार्टी ने विरोधी दलने की जिम्मेदारी दी है. इस जिम्मेदारी को निभाने का हर संभव प्रयास करूंगा. सड़क मरम्मती, हाई ड्रेन सफाई, कचरा सफाई आदि कइ समस्याएं हैं. पार्टी के जिला नेतृत्व द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों के अनुसार हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
मेयर ने सहयोगी की अपील की
रंजन सरकार को नया विरोधी दलनेता बनाये जाने पर सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान के अनुसार ही विरोधी दल नेता का परिवर्तन किया गया है. पूर्व विरोधी दलनेता नांटू पाल से सहयोग मिला था. नये विरोधी दलनेता रंजन सरकार से भी सहयोग की उम्मीद है.
रंजनशील ने खड़ा किया नया बखेड़ा
मासिक बोर्ड बैठक में सबकी सहमति मिलने के बाद भी तृणमूल वार्ड पार्षद व पांच नंबर बोरो कमिटी चेयरमैन रंजनशील शर्मा ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया. सोमवार की मासिक बोर्ड बैठक में पार्षद फंड से प्रति पार्षद पांच हजार रूपया पूर्व कांग्रेस पार्ष मणि चक्रवर्ती के इलाज के लिये उसके परिवार को सौंपने का निर्णय लिया गया. सभी 47 पार्षद अपने-अपने फंड से पांच हजार रूपया मणि चक्रवर्ती के इलाज के लिये देंगे. पूरा रूपया इकट्ठा कर चेक के माध्यम के से परिवार को सौंप दिया जायेगा. आज रंजनशील शर्मा ने कहा कि वे सबके साथ नहीं बल्कि अपने फंड का रूपया अपने हाथ से सौंपेगे. काफी बहस के बाद बोर्ड बैठक के निर्णय में बदलाव किया गया.
तृणमूल वार्ड पार्षद और मेयर के बीच हुयी बहस के बाद आज निर्णय हुआ कि तृणमूल के 18 वार्ड पार्षदों द्वारा इकट्ठा रूपये का अलग चेक बनाया जायेगा और माकपा, कांग्रेस और भाजपा पार्षद द्वारा जमा रूपया एक अन्य चेक के माध्यम से सौंपा जायेगा. रंजनशील ने यह नया बखेड़ा इसलिए खड़ा किया कि मेयर या निगम की ओर से कोई आर्थिक सहायता मणि चक्रवर्ती के लिये क्यों नहीं दी जा रही है.
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