यह कार विधान रोड में सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब की ओर जानेवाली स्टेडियम के गेट के पास ही नो पार्किंग जोन में खड़ी थी. जर्नलिस्ट फोटोग्राफर दीपतेंदु दत्ता ने बताया कि स्टिकर देख कर संदेह हुआ और हाथोंहाथ ट्राफिक पुलिस को शिकायत की गयी. पुलिस मौके पर पहुंची और कार मालिक तारकेश्वर गुप्ता से पूछताछ की और प्रेस से जुड़े दस्तावेजों की छानबीन की. जांच-पड़ताल में श्री गुप्ता के पास मौजूद प्रेस कार्ड फरजी पाया गया.
श्री गुप्ता जिस मीडिया कंपनी का प्रेस कार्ड और अपनी कार में प्रेस स्टिकर चिपका कर घूम रहे थे, वह पूरी तरह फरजी है. सिलीगुड़ी मीडिया अपडेट नामक कंपनी न तो सरकार से मान्यता प्राप्त है और न ही आरएनआई से पंजीकृत है. बाद में पुलिस ने नो पार्किंग जोन में कार खड़ी करने के जुर्म में श्री गुप्ता को पांच सौ रूपये जुर्माना और कार में चिपका फरजी स्टिकर हाथोंहाथ उतरवा दिया. इस फरजी पत्रकार ने सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को भी बेवकूफ बनाने के लिए अपने प्रेस स्टिकर के नीचे मेट्रो पुलिस लिखवा रखा था. अंग्रेजी में लिखे इस शब्द के अंत में पुलिस की सीइ का उपयोग नहीं कर आइएस का उपयोग किया गया था. अंग्रेजी में “metro polis” लिखा गया था.