सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी. राज्य विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा इस महीने की 19 तारीख को है, लेकिन लगता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता और समर्थक एक बार फिर से अपनी पार्टी की सरकार बनना तय मान रहे हैं. यही वजह है कि तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कई उम्मीदवार विधायक बनने की घोषणा होने से पहले ही संभावित तृणमूल सरकार में मंत्री बनने की जुगत में लग गये हैं.
ताजा मामला राजगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे तृणमूल कांग्रेस के निवर्तमान विधायक खगेश्वर राय का है. खगेश्वर राय के समर्थक अभी से ही उनको मंत्री बनाने की मांग को लेकर लॉबिंग करने में लग गये हैं. मतदान के बाद से ही राजगंज विधानसभा क्षेत्र के बेलाकोवा स्थित पार्टी कार्यालय में उनके समर्थक लगातार बैठक कर रहे हैं. श्री राय के समर्थकों का कहना है कि एक बार फिर से राज्य में ममता बनर्जी की सरकार बनना तय है. इसी वजह से खगेश्वर राय को मंत्री बनाने की अभी से ही मांग की जा रही है. उनके समर्थकों का कहना है कि खगेश्वर राय तब से इस इलाके में तृणमूल का झंडा थामे हुए हैं जब पार्टी का कोई विशेष जनाधार नहीं था. इस बार यदि वह मंत्री नहीं बने तो फिर कभी मंत्री नहीं बन पायेंगे.उनके समर्थकों ने ममता बनर्जी से मंत्री बनाने की मांग की है. तृणमूल कांग्रेस के राजगंज ब्लॉक अध्यक्ष लक्ष्मी मोहन राय का कहना है कि वर्ष 2001 तथा 2006 के चुनाव में खगेश्वर राय यहां से हार गये थे. लेकिन 2009 के चुनाव में वह लाल दुर्ग को ध्वस्त करने में सफल रहे. तब उन्होंने 14 हजार से भी अधिक मतों से जीतने में सफल रहे थे. 2011 के चुनाव में भी वह सात हजार से अधिक मतों से जीते थे. जलपाईगुड़ी लोकसभा क्षेत्र पर माकपा सांसद महेन्द्र कुमार राय का कब्जा था.
इसके बाद भी राजगंज विधानसभा सीट पर खगेश्वर राय तृणमूल का परचम लहराने में कामयाब रहे थे. वह दो बार विधायक रह चुके हैं, इसके बाद भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. ममता बनर्जी की जब वर्ष 2011 में सरकार बनी, तब पहली बार चुनाव जीतने वाले विधायकों को भी मंत्री बना दिया गया, लेकिन खगेश्वर राय को मंत्री पद से दूर रखा गया. इस बार राजगंज के लोग किसी भी कीमत पर खगेश्वर राय को मंत्री होना देखना चाहते हैं. इस मामले में खगेश्वर राय का कहना है कि वह पार्टी के सिपाही के रूप में काम कर रहे हैं. ममता बनर्जी उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेंगी, वह निभायेंगे. उन्होंने बताया कि वह जहां रहते हैं, वह के शिकारपुर ग्राम पंचायत पर 1993 से उनका कब्जा है. 1998 में माकपा समर्थकों ने त्रिलोक छेत्री, टोकन साहा जैसे तृणमूल समर्थकों को मौत के घाट उतार दिया था, लेकिन वह बचने में कामयाब रहे थे. उनके ऊपर कई बार माकपा के लोगों ने हमले किये हैं. 2006 में भी माकपा के लोगों ने उन पर तथा उनके समर्थकों पर हमला किया था. उसके बाद भी वह पीछे नहीं हटे हैं. वह तृणमूल कांग्रेस का झंडा इस इलाके में लगातार बुलंद कर रहे हैं. यही वजह है कि तृणमूल कांग्रेस की शक्ति लगातार बढ़ी है. जलपाईगुड़ी जिले में उन्हें तृणमूल का सबसे पहला विधायक होने का गौरव हासिल है. उसके बाद भी वह कभी भी मंत्री बनने की दौर में शामिल नहीं हुए.
इधर, राजगंज ब्लॉक युवा सभापति रणवीर मजूमदार ने भी साफ-साफ कहा है कि इस बार ममता बनर्जी को राजगंज के विधायक को मंत्री बनाना होगा. पार्टी के ब्लॉक कमेटी के द्वारा भी यह मांग रखी गई है. इस मांग से तृणमूल कांग्रेस के दूसरे सबसे बड़े नेता अभिषेक बनर्जी को भी अवगत करा दिया गया है. राजगंज विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर डाबग्राम फूलबाड़ी विधानसभा केन्द्र का गठन हुआ है. राजगंज में पहले कुल 20 ग्राम पंचायत थे, अभी 12 ग्राम पंचायत है. इनमें से आठ ग्राम पंचायतों पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है. अन्य स्थानों पर जिस तरह से तृणमूल नेताओं के बीच गुटबाजी है, वैसी गुटबाजी राजगंज में नहीं है. तृणमूल नेता लक्ष्मी मोहन राय का कहना है कि माकपा के दागी लोगों को पार्टी में कोई जगह नहीं दी गई है. इसी वजह से यहां तृणमूल में गुटबाजी नहीं है.
इधर, खगेश्वर राय ने आगे कहा है कि मंत्री नहीं रहने के बाद भी उन्होंने चावल हाटी, तालमा, आमबाड़ी, गाजलडोबा, भ्रामरी मंदिर, रंधामाली, दसदरगा सहित कई इलाकों में पक्की सड़कें बनवा दी है. इसके अलावा सुकाती, करला, चावला, तालमा आदि नदी पर पुल बनाये जा रहे हैं. पुल बनाने का काम करीब-करीब खत्म होने को है. उन्हीं के कार्यकाल में बेलाकोवा रेलगेट पर ओवर ब्रिज बनाने को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा सिलीगुड़ी से जलपाईगुड़ी तक विकल्प सड़क का निर्माण मंत्री गौतम देव की कोशिश से पूरी हुई है. गाजलडोबा में जो पर्यटक हब बन रहा है, वह उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र के अधीन है. कृषि मंडी तथा राजगंज कॉलेज की स्थापना उन्होंने ही करायी है. मंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके समर्थक चाहते हैं कि वह मंत्री बनें. राजगंज से कभी भी कोई मंत्री नहीं बना है.
गौतम देव को मंत्री बनाने से नाराज : खगेश्वर राय के कई समर्थक डाबग्राम-फूलबाड़ी क्षेत्र के विधायक गौतम देव को मंत्री बनाये जाने से भी नाराज हैं. गौतम देव ममता बनर्जी की वर्तमान सरकार में उत्तर बंगाल विकास मंत्री हैं. खगेश्वर राय के समर्थकों का मानना है कि यदि गौतम देव जीतते हैं और यदि राज्य में तृणमूल की सरकार बनती है तो उनका दोबारा मंत्री बनना तय है. खगेश्वर राय के समर्थकों का आरोप है कि डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र ऐसे तो जलपाईगुड़ी जिले में है, लेकिन वह सिलीगुड़ी के अधिक निकट है. गौतम देव भी अपना अधिकांश समय सिलीगुड़ी में ही देते हैं. इसी वजह से खगेश्वर राय को इस बार मंत्री बनाने की मांग की जा रही है. खगेश्वर राय के कई समर्थक कोलकाता जाकर पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के सामने भी इस मांग को रखने वाले हैं.