विरोधी दल माकपा को इसकी भनक लग गयी़ उसके बाद मंत्री ने यह बैठक रद्द कर दी. दार्जिलिंग जिला माकपा ने चुनाव आचार संहिता के उल्लघंन का आरोप लगाते हुए मंत्री गौतम देव के खिलाफ दार्जिलिंग के जिला शासक अनुराग श्रीवास्तव व जलपाईगुड़ी की जिला शासक पृथा सरकार से शिकायत की गयी है.
इधर,एसजेडीए की बैठक समाप्त करने के बाद गौतम देव ने कहा कि एसजेडीए क्षेत्र में मतदान समाप्त हो गया है. समीक्षा बैठक करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करना नहीं है. उत्तर बंगाल के कूचबिहार जिले में ही मतदान होना शेष है. उत्तरकन्या में आयोजित बैठक को रद्द कर दिया गया है. विरोधियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगरनिगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने भी मतदान के बाद नगर निगम में बैठक की है. हमने उनपर सवाल खड़ा नहीं किया.
दूसरी तरफ माकपा के जिला सचिव जीवेश सरकार ने मंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी आज की बैठक पूरी तरह से अनैतिक है. उत्तरकन्या में आज जो बैठक होने वाली थी उससे भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता. बैठक रद्द कर मंत्री ने अच्छा किया. उन्होंने कहा कि एसजेडीए इलाके में नागरिकों की समस्याओं को दूर करने के लिये जिला परिषद व नगर निगम है. इसके लिए एसजेडीए को अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. मंत्री पर व्यंग करते हुए जीवेश सरकार ने कहा कि चुनाव परिणाम की आशंका से वह घबराए हुए हैं. 19 मई के बाद वह अपने पद पर रहेंगे या नहीं,इसी की उन्हें चिंता सता रही है़ इसलिए जाते -जाते कुछ काम करने की सोच रहे होंगे है. उन्होंने कहा कि माकपा सरकार के समय में एसजेडीए के चेयरमैन रहे अशोक भट्टाचार्य प्रत्येक चुनाव में नामांकन दाखिल करने से पहले लाभ के सभी पदों से इस्तीफा दे देते थे. अब मंत्री ने ऐसा किया है कि यह जानकारी उन्हें नहीं है. श्री सरकार के अनुसार उत्तरकन्या में होने वाली बैठक को लेकर उन्होंने दार्जिलिंग व जलपाईगुड़ी जिले के जिला शासक से शिकायत की है.
इधर, चुनावी विशेषज्ञों का कहना है कि विधानसभा चुनाव जारी रहते इस प्रकार की बैठकों को गैर कानूनी माना जाता है़ उत्तरकन्या में बैठक करना पूरी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता. विशेषज्ञों ने हांलाकि यह भी कहा कि एसजेडीए के चेयरमैन होने के नाते वे वह समीक्षा बैठक कर सकते हैं,लेकिन कोइ नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते़ चुनाव संबधी कार्यों से जुड़े प्रशासनिक अधिकारी भी इस बैठक में शामिल नहीं हो सकते. एसजेडीए के चेयरमैन का पद लाभ का पद नहीं है, इस वजह से इस्तीफा दिये बगैर भी चुनाव में नामांकन का पर्चा भरा जा सकता है.