अपने संबोधन में श्री भुटिया ने अपने ऊपर बाहरी उम्मीदवार होने का ठप्पा भी हटाने की कोशिश की. श्री भुटिया मूल रूप से सिलीगुड़ी के निकट पड़ोसी राज्य सिक्किम के निवासी हैं. वाम मोरचा चुनाव प्रचार के दौरान उनके सिक्किम के होने की बात को जोर-शोर से प्रचारित कर रहा है. इस बात का अहसास श्री भुटिया को भी है. उन्होंने अपने सिलीगुड़ी के होने के दावे किये. रंगमंच के मंच से आम लोगों को संबोधित करते हुए श्री भुटिया ने कहा कि सिलीगुड़ी उनकी कर्मभूमि रही है. फुटबॉल से संन्यास लेने के बाद वह सिलीगुड़ी में अपना कारोबार कर रहे हैं. उनका इस शहर में एक पेट्रोल पंप है और उन्होंने यहां रहने के लिए एक घर भी ले रखा है. वह सिलीगुड़ी छोड़कर कहीं नहीं जायेंगे.
अपने भाषण में उन्होंने चुनाव जीतने के बाद कई समस्याओं को दूर करने का वादा भी किया. रंगमंच द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में अतिथि के तौर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी के भाई नरेन्द्र सिंह धौनी भी उपस्थित थे. उन्हें भी जब मंच से बोलने का मौका मिला, तो उन्होंने बाइचुंग भुटिया के जीत की अपील की. नरेन्द्र सिंह धौनी ने बाइचुंग भुटिया की तुलना अपने भाई महेन्द्र सिंह धौनी के साथ की और कहा कि देश के लिए वही खेल सकता है, जो पूरी तरह से ईमानदार हो. बाइचुंग भुटिया में ईमानदारी कूट-कूट कर भरी है. बाइचुंग भुटिया से प्रभावित होकर ही वह उनका चुनाव प्रचार करने के लिए सिलीगुड़ी आये हुए हैं. नरेन्द्र धौनी इतने में ही नहीं रूके, उन्होंने राज्य में एक बार फिर से ममता बनर्जी की सरकार बनने की स्थिति में बाइचुंग भुटिया को खेल मंत्री बनाने की मांग की.
कार्यक्रम के दौरान तृणमूल नेता तथा उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव भी कुछ क्षणों के लिए हाजिर हुए. आयोजकों ने उन्हें भी मंच से कुछ कहने का अनुरोध किया. श्री देव ने दो-तीन मिनट तक सभा को संबोधित किया. हालांकि इस दौरान उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के चुनाव प्रचार को लेकर संयम बरता. समारोह में सिलीगुड़ी के तृणमूल विधायक रूद्रनाथ भट्टाचार्य भी उपस्थित थे. वह भी अपने संबोधन में चुनाव प्रचार से बचते रहे. कविता पाठ के लिए बने इस मंच से तृणमूल कांग्रेस के चुनाव प्रचार को लेकर दर्शकों में बैठे कुछ लोग परेशान भी हुए. कइयों को समारोह के बीच से ही जाते देखा गया.