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दार्जिलिंग जिले में इंटरनेट को लेकर परेशानी
सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग जिले में विधानसभा चुनाव इस बार खास तौर पर संवेदनशील होगा. ऐसे में चुनाव के दौरान इंटरनेट की समस्या जिला प्रशासन को परेशान कर रही है. केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी गयी रिपोर्ट के मुताबिक, दार्जिलिंग जिले के कुल मतदान बूथों में से 60 प्रतिशत पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन हकीकत […]
सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग जिले में विधानसभा चुनाव इस बार खास तौर पर संवेदनशील होगा. ऐसे में चुनाव के दौरान इंटरनेट की समस्या जिला प्रशासन को परेशान कर रही है. केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी गयी रिपोर्ट के मुताबिक, दार्जिलिंग जिले के कुल मतदान बूथों में से 60 प्रतिशत पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है.
लेकिन हकीकत में इंटरनेट की सुविधा और कम बूथों पर है. पहाड़ी इलाकों की बात छोड़िए, समतल इलाकों में भी इंटरनेट अच्छी स्पीड के साथ उपलब्ध नहीं है. सभी बूथों को रिपोर्ट वेबकैम के जरिए केंद्र चुनाव आयोग तक पहुंचाने में इंटरनेट काफी समस्या उत्पन्न कर सकता है. इन सबके बीच जिले के 62 बूथों की लाइव वेबकास्टिंग कराये जाने की घोषणा जिला अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने की है. सिलीगुड़ी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि इंटरनेट एक समस्या है. सभी बूथों पर इंटरनेट की 3जी स्पीड मिलनी कठिन है. उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग जिले में चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही सभी चुनावी गतिविधियों पर कैमरे के माध्यम से निगरानी रखी जायेगी. नामांकन से लेकर मतगणना तक सभी गतिविधियां कैमरे में कैद की जायेंगी. इसके अलावा संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील बूथों की लाइव रिपोर्ट वेबकैम के जरिये केंद्रीय चुनाव आयोग के पास पहुंचायी जायेगी. मतदान के दिन सभी बूथों पर कैमरे लगाये जाने की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में दो ऐसी गाड़ियां चक्कर लगायेंगी, जिसमें कैमरा लगा होगा एवं इलाके की लाइव फुटेज सैटेलाइट के जरिये कमीशन तक पहुंचेगी.
इस बार अर्धसैनिक बलों की तैनाती सर्वाधिक : विधानसभा चुनाव की संवेदनशीलता तो देखते हुए चुनाव आयोग की ओर से पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है. जिला शासक अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार सबसे अधिक संख्या में अर्धसैनिक बलों को लाया गया है. जवानों की सहयता से चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराया जायेगा.
सुविधा’, ‘समाधान’ व ‘सुगम’ साफ्टवेयर
शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से पहली बार साफ्टवेयर लांच किये जा रहे हैं. सुविधा नामक साफ्टवेयर के माध्यम से राजनीतिक दल सभा, रैली व चुनाव प्रचार के लिए किसी भी प्रकार का आवेदन कर सकते हैं, जिस पर प्रति-उत्तर चुनाव आयोग की ओर से 24 घंटे के भीतर दिया जायेगा. राजनीतिक दल, चुनाव अधिकारी या राज्य की जनता किसी भी प्रकार की शिकायत या आरोप सीधे केंद्रीय चुनाव आयोग तक समाधान नामक सॉफ्टवेयर के माध्यम से पहुंचा सकते है. आरोप पर 24 घंटे के भीतर कदम उठाये जायेंगे. सुगम एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसके माध्यम से चुनाव में प्रयोग होने वाली गाड़ियों एवं खर्च का लेखा- जोखा रखा जायेगा. इन साफ्टवेयरों के इस्तेमाल के लिए महकमा शासक, रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय एवं सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में एक कियोस्क की व्यवस्था करायी जायेगी. कोई स्वत: इसका इस्तेमाल नहीं जानता तो कियोस्क में जाकर सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकता है.
‘रेड पांडा’ चलायेगा जागरूकता अभियान
विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की जनता को जागरूक करने के लिए एक जागरूकता अभियान चुनाव आयोग की ओर से चलाया जायेगा. जिला अधिकारी ने बताया कि रेड पांडा को शुभंकर (मैस्कॉट) बनाकर प्रचार किया जायेगा. जिले के भीड़भाड़ वाले इलाके में वीडियो दिखाकर नागरिकों को उनके मत का मूल्य समझाने की कोशिश की जायेगी. इसके तहत पोस्टर, बैनर आदि भी लगाये जायेंगे. सभी मतदान केंद्रों पर बिजली, पेयजल, शौचालय की समुचित व्यवस्था की जायेगी.
जिले में लगभग 13 लाख मतदाता
दार्जिलिंग जिले में कुल छह विधानसभा क्षेत्र हैं. कुल मतदाताओं की संख्या 12 लाख 92 हजार 428 है. इसमें महिला मतदाता 6 लाख 40 हजार 932 एवं पुरुष मतदाता 6 लाख 51 हजार 493 हैं. छह सीटों में से माटीगाड़ा-नक्सबाड़ी अनुसूचित जाति के लिए एवं फांसीदेवा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इसके अलावा बाकी सभी चार सीटें सामान्य हैं. जिले में कुल 1633 मतदान केंद्र हैं.
खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख
चुनाव आयोग की ओर से साफ बता दिया गया है कि कोई भी उम्मीदवार चुनाव प्रचार में 28 लाख रुपये से अधिक का खर्च नहीं कर सकता. उम्मीदवारों को अपने खर्च का पूरा ब्योरा आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना होगा. इसके अतिरिक्त इवीएम मशीन पर उम्मीदवारों के नाम, चुनाव चिह्न के साथ इस बार उम्मीदवार की तस्वीर भी लगी रहेगी. उम्मीदवारों को चुनाव आचार संहिता के तहत ही चुनाव प्रचार करना होगा.
‘22 को अधिसूचना, 1 अप्रैल तक नाम वापसी
दार्जिलिंग जिले में 22 मार्च को अधिसूचना जारी की जायेगी. उसी दिन से नामांकन प्रक्रिया भी शुरू होगी जो कि 29 मार्च को दोपहर बाद तीन बजे तक चलेगी. 30 मार्च को उम्मीदवारों के परचों की जांच होगी. 1 अप्रैल को उम्मीदवार तीन बजे तक अपना नाम वापस ले सकते है. 17 अप्रैल को जिले में मतदान होगा. 19 मई को कालिम्पोंग सीट के लिए मतगणना एसयूएमआई इंस्टीच्यूट, कर्सियांग सीट के लिए मतगणना सेंट अलफांसो स्कूल, दार्जिंलिंग सीट के लिए मतगणना सेंट रॉबर्ट्स स्कूल एवं सिलीगुड़ी, माटिगाड़ा-नक्सलबाड़ी व फांसीदेवा सीट के लिए मतगणना सिलीगुड़ी कॉलेज में करायी जायेगी. मतदान प्रक्रिया के लिये 9 हजार कर्मचारियों को बूथ अधिकारी बनाया जा रहा है जिसमें अधिकांश शिक्षक हैं.
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