इस सिलसिले में नगर निगम के डिप्टी मेयर रामभजन महतो ने कहा कि नगर निगम की 90 करोड़ रुपये की विकास राशि राज्य सरकार नहीं दे रही है. राज्य सरकार इस पैसे का भुगतान कर दे, तो नगर निगम सभी बकाये का भुगतान बहुत आसानी से कर देगा. बिजजी वितरण कंपनी के उत्तर बंगाल जोन के मैनेजर सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि बकाया भुगतान के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम से बार-बार तगादा किया जा रहा है, लेकिन काम नहीं हो रहा है.
सिलीगुड़ी नगर निगम सूत्रों ने बताया कि नगर निगम इलाके में लगभग 29 हजार स्ट्रीट लाइट हैं. अभी भी इन लाइटों को जलाने और बुझाने का काम मैनुअल तरीके से किया जाता है. इसकी वजह से कई बार बेवजह भी लाइट जलती रह जाती है. नतीजतन बिजली का बिल अधिक आता है. डिप्टी मेयर ने कहा कि इस बात को ध्यान रखते हुए हमने टाइमर लगाने के बारे में सोचा है. जिससे सभी लाइटें एक साथ जलेंगी और बुझेंगी. इसके अलावा साधारण लाइटों की जगह एलइडी लाइटें लगाने की भी योजना बनायी गई है. इसके अलावा शहर से लगे बाहरी इलाकों में भी लगभग तीन हजार स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना है. फिलहाल एक हजार लाइट लगाने का फैसला लिया जा चुका है.
नगर निगम सूत्रों ने बताया कि शहर में अभी तक 773 एलइडी लाइटें लगाई जा चुकी हैं. इन्हें शहर के कई प्रमुख रास्तों पर देखा जा सकता है. एक एलइडी लाइट लगाने का खर्चा लगभग 32 हजार रुपये है. बिजली खर्च में कटौती के लिए सब जगह से साधारण लाइट हटाकर एलइडी लाइट लगाने के लिए भारी भरकम धनराशि की जरूरत है. लेकिन नगर निगम के पास इसके लिए पर्याप्त रकम नहीं है.
नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने इस संबंध में कहा कि राज्य सरकार सिलीगुड़ी नगर निगम को उसके हक का पैसा नहीं दे रही है. इसी की वजह से परिसेवाओं को उन्नत करने में परेशानी आ रही है. डिप्टी मेयर ने कहा कि अगर राज्य सरकार असहयोग करेगी तो काम कैसे चलेगा. हमने सुना है कि कोलकाता नगर निगम को हाल ही में इसी के लिए 20 करोड़ रुपये दिये गये हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम को भी इसी तर्ज पर जल्द से जल्द धनराशि जारी की जाये.