उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव व वार्ड पार्षद दिलीप सिंह पर भड़के स्थानीय निवासियों ने रविवार की सुबह एक घंटे के लिए 31 नंबर राजमार्ग बंद भी कर दिया था.
समस्या यह है कि वार्ड नंबर 42 स्थित भूपेंद्र नगर से एक रास्ता महानंदा नदी को उतरता है. इस रास्ते से बालू-पत्थर लाद कर ट्रकों का आवागमन रोजाना होता है. इसकी वजह से रास्ते की अवस्था काफी खराब हो गयी है. हालत ऐसी है कि गाड़ियों के गुजरते समय इतनी धूल उड़ती है कि स्थानीय लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है. वर्षा काल में धूल की जगह कीचड़ से जिंदगी नरक बन जाती है. रास्ता चलना तक मुश्किल हो जाता है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि करीब 20 वर्षों से सड़क की मरम्मत नहीं करायी गयी है.
विगत नगर निगम चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने रास्ते की मरम्मत कराने का वादा किया था, लेकिन चुनाव के बाद ना तो वार्ड पार्षद यहां आये और ना ही किसी दल ने नागरिकों के साथ खड़े होकर रास्ते की मरम्मत के लिए आवाज उठायी. स्थानीय निवासी राकेश छेत्री ने कहा कि नगर निगम के बाद स्थानीय वार्ड पार्षद व सिलीगुड़ी नगर निगम के चेयरमैन दिलीप सिंह से रास्ते की मरम्मत के लिये आवेदन किये जाने पर उन्होंने कहा कि निगम के पास फंड का अभाव है.
रास्ते की मरम्मत उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय ही करा सकती है. यह इलाका उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव के विधानसभा क्षेत्र में आता है इसलिए उनको जिम्मेदारी लेनी चाहिए. फिर उत्तर बंगाल विकास मंत्री से आवेदन किया गया. इस पर उन्होंने कहा कि वार्ड नंबर 42 तृणमूल ने नहीं, बल्कि वाम मोरचा ने जीता है. रास्ता मरम्मत की गुहार वार्ड पार्षद से करें. राजनीतिक पेच की वजह से स्थानीय निवासी परेशान होकर आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर हो गये. आंदोलनकारियों ने एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए कहा कि अगर अविलंब रास्ते की मरम्मत नहीं की गयी, तो अनिश्चित काल के लिये 31 नंबर राष्ट्रीय राज मार्ग को बंद कर दिया जायेगा.