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नेपाल में पर्यटकों का टोटा, सिलीगुड़ी की बल्ले-बल्ले
ट्वाय ट्रेन के फिर चालू होने से और बढ़ी रौनक, पर्यटन कारोबारी और टूर ऑपरेटर गदगद भारी संख्या में पर्यटकों के दार्जिलिंग आने की जगी उम्मीद सिलीगुड़ी : पड़ोसी देश नेपाल में गड़बड़ी की वजह से वहां पर्यटकों का टोटा लगा हुआ है. भारत से काफी कम पर्यटक नेपाल घुमने के लिए जा रहे हैं. […]
ट्वाय ट्रेन के फिर चालू होने से और बढ़ी रौनक, पर्यटन कारोबारी और टूर ऑपरेटर गदगद
भारी संख्या में पर्यटकों के दार्जिलिंग आने की जगी उम्मीद
सिलीगुड़ी : पड़ोसी देश नेपाल में गड़बड़ी की वजह से वहां पर्यटकों का टोटा लगा हुआ है. भारत से काफी कम पर्यटक नेपाल घुमने के लिए जा रहे हैं. यहां उल्लेखनीय है कि नेपाल में नये संविधान को लेकर पिछले कुछ महीनों से बड़े पैमाने पर गड़बड़ी फैली हुई है.
मधेशी आंदोलन की वजह से कई जगह पर हिंसक घटनाएं भी हो चुकी है. भारत-नेपाल सीमा पर एक तरह से अघोषित नाकाबंदी है, इसकी वजह से नेपाल में भारत विरोधी लहर चरम पर है.
इसी वजह से भारतीय लोग नेपाल जाने से बच रहे हैं. सिलीगुड़ी के निकट पानीटंकी स्थित भारत-नेपाल सीमा पर गाहे-बगाहे ही किसी पर्यटक को भारतीय सीमा क्षेत्र से नेपाल में प्रवेश करते देखा जा सकता है. नेपाल में इस गड़बड़ी का लाभ दार्जिलिंग तथा सिक्किम में पर्यटन व्यवसाय को हो रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, नेपाल में पर्यटकों के आगमन में 60 से लेकर 65 प्रतिशत तक की गिरावट आयी है.
नेपाल की इस गड़बड़ी का लाभ सिलीगुड़ी के टूर ऑपरेटर उठाने में लग गये हैं. ऐसे में ट्वाय ट्रेन के एक बार फिर से चालू हो जाने से ना केवल दार्जिलिंग आने वाले पर्यटक बल्कि टूर ऑपरेटर भी काफी खुश हैं.
सिलीगुड़ी के प्रमुख टूर ऑपरेटर तथा टूर ऑपरेटरों के संगठन ऑरेंज के अध्यक्ष राज बसु का कहना है कि पहले पर्यटक नेपाल में झापा, काठमांडु, चितवन, पोखरा आदि का दौरा करने के बाद दार्जिलिंग अथवा सिक्किम आने के बारे में सोचते थे. करीब 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय तथा विदेशी पर्यटक नेपाल घुमने के बाद वापस लौट जाते थे. अब ऐसी परिस्थिति नहीं है. नेपाल में गड़बड़ी की वजह से पर्यटक सीधे दार्जिलिंग आ रहे हैं.
दार्जिलिंग घुमने के बाद सिक्किम जाते हैं. अब ट्वाय ट्रेन के एक बार फिर से शुरू होने के बाद पर्यटकों के आगमन में और अधिक वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि छह वर्षों के बाद न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच एक बार फिर से ट्वाय ट्रेन सेवा का शुरू होना बेहद खुशी की बात है.
ट्वाय ट्रेन के चलने भर केमात्र से दार्जिलिंग में पर्यटकों के आगमन में 30 से 35 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है. इसके साथ ही श्री बसु ने आगे कहा कि एक-दो दिन चलने के बाद ही ट्वाय ट्रेन की सेवा बंद नहीं होनी चाहिए. कम से कम अगले गरमी तक इस सेवा के चालू रहने से पर्यटन व्यवसाय को काफी लाभ होगा. जो लोग पहले नेपाल जाना पसंद करते थे, वह लोग ट्वाय ट्रेन की आकर्षण से सीधे दार्जिलिंग आयेंगे.
यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में भूस्खलन की वजह से तीनधरिया के निकट पगलाझोड़ा में ट्वाय ट्रेन की पटरियों को काफी नुकसान पहुंचा था. उसके बाद से ही ट्वाय ट्रेन की सेवा बंद कर दी गई थी. स्थानीय लोगों के साथ-साथ सिलीगुड़ी के सभी टूर ऑपरेटर एवं सभी राजनीतिक दलों के नेता यथाशीघ्र पटरियों की मरम्मत कर ट्वाय ट्रेन सेवा फिर से चालू करने की मांग कर रहे थे.
मंगलवार को पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के जीएम मोहम्मद जमशेद ने तीनधरिया के निकट पगलाझोड़ा में नवनिर्मित ट्वाय ट्रेन की पटरियों का उद्घाटन किया. इस रूट पर ट्वाय ट्रेन का ट्रायल रन भी संपन्न हो चुका है. इसी महीने से नियमित रूप से न्यू जलपाईगुड़ी तथा दार्जिलिंग के बीच ट्वाय ट्रेन की सेवा शुरू हो जायेगी.
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