सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी महकमा परिषद के बोर्ड गठन की मांग में भाजपा पिछड़ती दिख रही है. सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला भाजपा के नये अध्यक्ष अरुण सरकार को पद संभाले 15 दिन हो जाने के बावजूद अभी तक पार्टी की सिलीगुड़ी जिला कमेटी का गठन नहीं हुआ है. वहीं सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव के परिणाम घोषित हुए 20 दिन हो गये हैं, लेकिन राज्य सरकार की ओर से अब तक बोर्ड गठन के लिये गजट अधिसूचना जारी नहीं की गयी है. राज्य का प्रमुख विपक्षी दल वाम मोर्चा राज्य सरकार के विरुद्ध आक्रामक रुख अपनाते हुए बुधवार से रास्ते पर उतर रहा है.
लेकिन भाजपा की ओर से आंदोलन की कोई तैयारी नहीं दिख रही.वाम मोर्चा की ओेर से बताया गया है कि 28 अक्तूबर से सिलीगुड़ी महकमा के चारों ब्लॉक कार्यालयों का घेराव कर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. इसके साथ ही महकमा शासक कार्यालय का भी घेराव किया जायेगा. दूसरी ओर कांग्रेस ने भी बोर्ड गठन की गजट अधिसूचना की मांग को लेकर राज्य सरकार के विरुद्ध कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. सिलीगुड़ी जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रथींद्र बोस ने तृणमूल पर भाजपा के विजयी उम्मीदवारों को भाजपा से तोड़कर तृणमूल में शामिल करने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया था एवं इसके खिलाफ आंदोलन की बात कही थी. लेकिन हकीकत यह है कि सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला भाजपा के अध्यक्ष पद पर अरुण सरकार को बैठे पंद्रह दिन हो जाने के बाद भी पार्टी की जिला कमेटी गठित नहीं हुई है.
भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता बोर्ड गठन की मांग को लेकर आंदोलन करना चाहते हैं, लेकिन नेतृत्व के अभाव में सभी चुप्पी साधे बैठे हैं. इधर भाजपा के सचिव नंदन दास ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस खरीद-फरोख्त की राजनीति के तहत सिलीगुड़ी महकमा परिषद के चुनाव में निर्वाचित सदस्यों को प्रलोभन देकर तोड़ने की कोशिश कर रही है. इसके विरुद्ध आंदोलन होना चाहिए, लेकिन नयी कमेटी ना बनने की वजह से कार्यकर्ताओं को किसी भी तरह का निर्देश नहीं मिल रहा है जिसकी वजह से कार्यकर्ता हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं.
अब पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव को भी अधिक दिन नहीं रह गये हैं. राजनीति विश्लेषकों के अनुसार चुनाव में मुकाम हासिल करने के लिये जनता की नजरों में रहना अति आवश्यक है. वैसे भी पश्चिम बंगाल में भाजपा की सांगठनिक शक्ति मजबूत नहीं दिखती. भले ही सिलीगुड़ी नगर निगम में उसने दो सीटें हासिल की हों, लेकिन सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव में वह एक भी पंचायत समिति व महकमा परिषद कीएक भी सीट पर कब्जा नहीं कर सकी.
सिर्फ कुछ ग्राम पंचायतों में उसे विजय प्राप्त हुई है. सभी राजनीतिक दलों की निगाहें अब राज्य के विधान सभा चुनाव पर गड़ गयी हैं, लेकिन भाजपा अभी तक संगठन को मजबूत करने के लिए गंभीर नहीं दिख रही है. इस बारे में पूछे जाने पर सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला भाजपा के नये अध्यक्ष अरुण सरकार ने बताया कि बोर्ड गठन में राज्य सरकार जान-बूझ कर देरी कर रही है. इसके खिलाफ सिलीगुड़ी जिला भाजपा भी आंदोलन के पथ पर उतरेगी एवं नयी कमेटी का गठन भी जल्द होगा.