सिलीगुड़ी: मौसम बदलने के साथ-साथ इन दिनों उत्तर बंगाल में वायरल बुखार का प्रकोप भी बढ़ता दिखायी दे रहा है़ दिन में कड़ी धूप एवं शाम ढ़लते-ढ़लते ठंड बढ़ने की वजह से घर-घर में लोग वायरल बुखार से पीड़ित हो रहे है़ं रोगी बुखार के साथ-साथ सर्दी-खांसी, सिर दर्द बदन दर्द से परेशान है़ं.
इस त्यौहारी मौसम में अस्पतालों के आउटडोर के साथ-साथ चिकित्सकों के चेम्बरों में भी मरीजों की लंबी कतार लग रही है़ चिकित्सकों का कहना है कि इस मौसम में वायरल बुखार का प्रकोप हमेशा ही बढ़ता है़ वजह दिन में गरमी व कड़ी धूप और शाम के बाद भी तापमान का पारा गिरना शुरू हो जाता है और रात होते-होते मौसम में ठंडापन बढ़ जाता है़ इस परिस्थिति में बच्चों के साथ-साथ बड़े-बुजुर्ग भी वायरल बुखार का शिकार हो जाते है़ं इससे बचने के लिए खान-पान के साथ-साथ परिधान पहनने पर भी सावधानी बरतनी जरूरी है़ बुखार होते ही घर में बैठ रहना उचित नहीं है और न ही बिना चिकित्सक के सलाह के बगैर दवाई लेना उचित है़ अस्पतालों या चिकित्सक को दिखाकर ही जरूरी दवाई लेनी चाहिए़ वर्तमान में उत्तर बंगाल के महानंदा इलाके में गरमी अभी भी काफी महसूस की जा रही है़ उत्तर बंगाल के अन्य जिलों में ठंडापन बढ़ गया है़
विशेषकर सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, कूचिबहार, अलीपुरद्वार, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर जिलों में शाम के बाद तापमान में गिरावट शुरू हो जाती है और ठंड बढ़ने लगती है़ सुबह के समय ठंड का एहसास काफी अधिक होता है़ इस बदलते मौसम में जरा सी असावधानी वायरल बुखार में तब्दील हो जाता है.
घर में अगर कोई एक व्यक्ति इस बुखार से पीड़ित होता है तो अन्य सदस्य भी इसके शिकार हो जाते हैं. खासकर बच्चे, वयोवृद्ध व कमजोर शरीर वाले इस बुखार के अधिक शिकार हो रहे हैं. अधिकांश मरीज बुखार, सर्दी-खांसी, सिर दर्द व बदन दर्द के साथ-साथ पेट दर्द से भी पीड़ित हैं. मरीजों में बुखार की मियाद तीन से सात दिन देखी जा रही है.
सलाहः डॉ स्वयसाची दास ने सलाह देते हुए कहा है कि ऐसे मरीजों को काफी मात्रा में स्वच्छ व शुद्ध पानी व फलों का जूस सेवन करना चाहिए. साथ ही बुखार होने के साथ ही सबसे पहले चिकित्सकों की सलाह लेनी जरूरी है. चिकित्सक की सलाह के बगैर कभी भी दवाईयां लेनी उचित नहीं है. साथ ही अन्य सावधानियां भी हरेक लोगों को बरतनी जरूरी है. दोपहर को कड़ी धूप में बाहर नहीं निकलना चाहिए. शाम के बाद एवं सुबह के समय हल्के गरम कपड़ों का व्यवहार करना चाहिए. इस मौसम में घरों व दफ्तरों में एसी का व्यवहार नहीं करना चाहिए और न ही फ्रिज का ठंडा पानी व अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. अगर संभव हो तो गुनगुना गरम पानी अधिक सेवन करना उचित होगा.
लक्षणः शरीर में कपकपी एवं दो से तीन दिनों के बावजूद बुखार का न उतरना मरीजों में वायरल बुखार के लक्षण है. साथ ही सर्दी-खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द से भी मरीज काफी परेशान रहते हैं. किसी-किसी मरीज के पेट में भी गड़बड़ी की शिकायत होती है.
क्या कहना है चिकित्सक का
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के मुख्य स्वास्थय अधिक्षक डॉ स्वयसाची दास का कहना है कि बदलते मौसम के साथ इन दिनों वायरल बुखार का प्रकोप बढा है. आउटडोर में मरीजों की तादाद भी काफी बढ़ी है. अधिकांश मरीजों को पेरासिटामोल टेबलेट लेने की सलाह दी जा रही है. जरूरत पड़ने पर एंटीवायोटिक भी दी जा रही है.