बीते गुरुवार की रात को, घटना के दूसरे दिन ही यह दल असम चला गया और वहां की पुलिस के साथ संपर्क किया. इसके बाद जांच दल के सामने गिरोह से जुड़े जो तथ्य सामने आया, वह चौंकाने वाला था. असम पुलिस का दावा है कि इस छोटे से गांव के ज्यादातर युवकों का पेशा एटीएम मशीन चोरी करना ही है. असम पुलिस का कहना है कि भले ही सिलीगुड़ी में एटीएम चोरी की कोशिश की यह पहली घटना हो, लेकिन इस गांव के युवक बीते चार वर्षों से पूर्वोत्तर भारत के असम, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड में ऐसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
इस तरह के अपराध में इन्हें महारत हासिल है. बेंगलुरु से आइटी विशेषज्ञ इस गांव में आकर यहां के युवकों को प्रत्येक महीने इसके लिए प्रशिक्षण देते हैं. असम पुलिस तथ्य मौजूद रहने के बावूजद इस गांव में धावा बोलने का अभी तक साहस नहीं जुटा पायी और न ही किसी को भी गिरफ्तार कर पायी है. असम नंबर के वाहन के आधार पर एवं असम पुलिस के सहयोग से जांच दल को यह जानकारी मिली है कि एक स्थानीय ट्रांसपोर्ट कंपनी से बोंगाईगांव के नाम पर यह वाहन आठ सितंबर को भाड़े पर लिया गया था. कं पनी के मालिक के पास से पुलिस ने उस वाहन के चालक का नाम एवं मोबाइल नंबर हासिल किया. लेकिन पुलिस किसी को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
सिलीगुड़ी कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर (सीपी) मनोज वर्मा का कहना है कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. छह सदस्यों का एक दल असम गया हुआ है. घटना को अंजाम देने वाले गिरोह से जुड़े कई सुराग पुलिस को हाथ लगे हैं. जल्द ही गिरोह के सभी बदमाश सलाखों के पीछे होंगे.