सभी जिलों के लिए अलग-अलग हेल्प लाइन नंबर बनाये जायेंगे, जिस पर फोन कर किसान विभिन्न फसलों की कीमतों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. पश्चिम बंगाल के कृषि विभाग द्वारा बहुत जल्द इस प्रणाली को लांच किया जायेगा, इस सिस्टम की सबसे खास बात यह है कि यह काफी यूजर-फ्रेंडली है. इसके प्रयोग के लिए कोई इंटरनेट कनेक्शन या कंप्यूटर की जरूरत नहीं होगी. किसी भी लैंड लाइन या मोबाइल फोन से इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है. इस सिस्टम में न टाइप करने की जरूरत होगी और न ही टच करने की. आवाज ही अपने आप टेक्स्ट के रूप में बदल जायेगी.
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कृषि उत्पाद की कीमत बताने का मामला, हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी राज्य सरकार
कोलकाता: राज्य के किसानों को कृषि उत्पाद की कीमतों की जानकारी देने के लिए कृषि विभाग ने विशेष नंबर जारी करने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) को आवाज के आधार पर नयी तकनीक बनाने का जिम्मा सौंपा है, जो बंगाली भाषा में होगी. सभी जिलों के […]
कोलकाता: राज्य के किसानों को कृषि उत्पाद की कीमतों की जानकारी देने के लिए कृषि विभाग ने विशेष नंबर जारी करने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) को आवाज के आधार पर नयी तकनीक बनाने का जिम्मा सौंपा है, जो बंगाली भाषा में होगी.
इस वॉयस क्वैरी सिस्टम से किसान को सिर्फ फसल का नाम बताना होगा और उसके बाद ही उनको पूरी जानकारी दे दी जायेगी. इसके लिए सी-डैक बंगाली भाषा में 1500 किसानों के आवाज के सैंपल को एकत्रित करेगी और उसके आधार पर पूरे सिस्टम को तैयार किया जायेगा. एक सर्वर के माध्यम से प्रश्न को सिस्टम में डाला जायेगा और उसके बाद सिस्टम वहां से फसल की कीमत की जानकारी देगा.
द सोशियो इकनॉमिक एंड कास्ट सेंशस, 2011 के अनुसार, बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 68 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन हैं, जबकि सिर्फ एक प्रतिशत लोगों पास लैंडलाइन है. ग्रामीण क्षेत्रों में 2.7 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनके पास लैंड लाइन व मोबाइल दोनों हैं.
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