उत्तर बंगाल विकास मंत्रलय के शाखा कार्यालय खोले जाने के बाद दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र की सबसे प्रमुख राजनीतिक पार्टी तथा जीटीए में सत्तारूढ़ गोजमुमो ने एक बार फिर से राज्य सरकार के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. गोजमुमो ने उत्तर बंगाल विकास मंत्रलय के शाखा कार्यालय खोले जाने का विरोध किया है और इसे सीधे जीटीए के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप बताया है. इस संबंध में गोजमुमो नेता तथा कर्सियांग गिधेपहाड़ सीट के जीटीए सभासद अनिक थापा का कहना है कि राज्य सरकार ने जीटीए को नजरंदाज कर एनबीडीडी के शाखा कार्यालय की स्थापना की है.
इससे सीधे जीटीए के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी गई है. राज्य सरकार की यह एक राजनीतिक चाल है और सोची-समझी रणनीति के तहत मंत्री गौतम देव ने इस कार्यालय का यहां उद्घाटन किया है. उन्होंने कहा है कि 18 जुलाई 2011 के दिन राज्य सरकार, केन्द्र सरकार तथा गोजमुमो के बीच त्रिपक्षीय समझौते के बाद जीटीए का गठन किया गया था. इस समझौते के दौरान केन्द्र की ओर से तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम भी उपस्थित थे, जबकि राज्य की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर जीटीए का समझौता हुआ था.
समझौते में दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में विकास का काम करने के लिए जीटीए को अधिकार दिया गया है. जीटीए राज्य सरकार के साथ मिलकर दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं का संचालन करेगी. श्री थापा ने मंत्री गौतम देव पर गलतबयानी का भी आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि मंत्री गौतम देव ने इस शाखा कार्यालय के खोले जाने को लेकर दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र के तीनों विधायकों से कोई संपर्क नहीं किया था. उसके बावजूद वह गोजमुमो के तीनों विधायकों से पूछ कर शाखा कार्यालय खोलने की बात कर रहे हैं. इतना ही नहीं, श्री थापा ने सिलीगुड़ी में जीटीए के कार्यालय खोलने को लेकर मंत्री से सवाल किया है. उन्होंने कहा है कि यदि मंत्री गौतम देव कर्सियांग में अपने मंत्रलय का कार्यालय खोल सकते हैं, तो क्या जीटीए को सिलीगुड़ी में अपना शाखा कार्यालय खोलने की अनुमति मिलेगी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार जीटीए के काम-काज में शुरू से ही हस्तक्षेप कर रही है. गोजमुमो के बार-बार कहे जाने के बाद भी विभिन्न विभागों का हस्तांतरण अब तक नहीं हुआ है. उन्होंने इस मामले को लेकर अदालत जाने की भी धमकी दी है.