आने वाले दिनों में भी यहां चुनाव होगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है. यह आशंका जताते हुए भाजपा के जिला अध्यक्ष रथीन्द्र बोस ने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम में बुरी तरह से चुनाव हारने के बाद तृणमूल कांग्रेस खेमे में खलबली मची हुई है. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव में हार की आशंका की वजह से चुनाव नहीं कराना चाहती हैं. श्री बोस ने कहा कि पूरे राज्य में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना हुआ है. राज्य सरकार ने सात नगरपालिका चुनाव कराने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी. राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में सात नगरपालिकाओं का चुनाव कराने का निर्णय लिया था. राज्य सरकार ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी और फिलहाल चुनाव पर रोक लगा दी गई है.
यही स्थिति सिलीगुड़ी महकमा परिषद के चुनाव की भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम पर किसी भी कीमत पर तृणमूल कांग्रेस अपना कब्जा करना चाहती थी. तृणमूल कांग्रेस के तमाम आला नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी. इसके बाद भी तृणमूल कांग्रेस चुनाव में बुरी तरह से पराजित हो गई.
इतना ही नहीं, चुनाव परिणाम पक्ष में नहीं होने के बाद भी तृणमूल कांग्रेस ने मात्र 17 सदस्यों के बदौलत यहां जोर-जबरदस्ती बोर्ड गठन की कोशिश की. तृणमूल कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव में भी पार्टी की स्थिति कहीं सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव जैसी न हो जाये. यही कारण है कि मुख्यमंत्री स्वयं यहां चुनाव नहीं कराना चाहती हैं. एक प्रश्न के उत्तर में श्री बोस ने कहा कि चुनाव हो या न हो, लेकिन भाजपा अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती.
पार्टी ने अभी से ही महकमा परिषद चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. इन तैयारियों का जायजा लेने राज्य अध्यक्ष राहुल सिन्हा कल गुरूवार को सिलीगुड़ी आ रहे हैं. महकमा परिषद इलाके के विभिन्न मंडल कमेटियों को लेकर कल ही विधान नगर में एक बैठक बुलायी गई है. इस बैठक में महकमा परिषद के सभी चार मंडलों के नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे. इस बैठक की अध्यक्षता राहुल सिन्हा करेंगे. श्री बोस ने आगे बताया कि इस बैठक में महकमा परिषद चुनाव को लेकर विचार-विमर्श किया जायेगा. चुनाव कराना नहीं करना, यह राज्य सरकार पर निर्भर है, लेकिन इसको लेकर पार्टी हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ सकती. उन्होंने शीघ्र ही महकमा परिषद चुनाव कराने की मांग की. महकमा परिषद चुनाव शीघ्र नहीं होने की स्थिति में उन्होंने आंदोलन की भी धमकी दी है.