सिलीगुड़ी: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मिनी सचिवालय उत्तरकन्या आगमन को लेकर यहां विशेष तैयारियां की जा रही है. ममता बनर्जी इस महीने की 19 तारीख को सिलीगुड़ी आयेंगी. उत्तरकन्या में वह एक उद्योग सम्मेलन में शामिल होंगी. अगले दिन 20 तारीख को उत्तर बंग उत्सव का उद्घाटन करने के बाद वह दाजिर्लिंग के लिए रवाना हो जायेंगी. 19 तारीख को ममता बनर्जी सिलीगुड़ी में ही रहेंगी.
इसके लिए उत्तरकन्या में ममता बनर्जी के रूकने के लिए विशेष बंगलो का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इस बंगलो का निर्माण एक तरह से कहें तो स्वीमिंग पुल की तरह किया जा रहा है. विपक्ष के नेता इसे ‘जल महल’ का नाम दे रहे हैं. दो तरफ से पानी के बीच इस बंगलो का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है.
अब बस इसको सजाने-संवारने का काम चल रहा है. आज भी कई मजदूर यहां काम युद्ध स्तर पर काम करते नजर आये. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बंगलो के निर्माण पर आठ करोड़ रुपये से भी अधिक का खर्च हो रहा है. हांलाकि यह बंगलो बहुत ही शानदार बना है.बंगलो में प्रवेश के लिए मुख्य द्वार पर बने दोनों ओर जल से भरे कुंड के बीच बने सीढ़ी से गुजरना होगा.पूरा पानी नीला नजर आयेगा.स्वीमिंग पुल की तरह ही इस कुंड में जल शोधन की ब्यवस्था की गयी है.हांलाकि मुख्यमंत्री के रहने हेतु इतने रुपये खर्च करने को लेकर विपक्ष ने हमलावर तेवर अपना लिये हैं. भाजपा के जिला महासचिव नंदन दास ने इस निर्माण कार्य की आलोचना की है. उन्होंने व्यंग्य कसते हुए कहा कि सारधा प्रमुख सुदीप्तो सेन के साथ डेलो के सरकारी बंगलो में जो बैठक हुई थी, इसके बारे में सभी को पता है. यहां भी इस तरह के बंगलो के निर्माण का काम चल रहा है. आने वाले दिनों में यहां भी यदि कोई गुप्त बैठक हो, तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए. श्री दास ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के रहने के लिए बंगलो के निर्माण पर इतना खर्च किया जाना सही नहीं है. सिलीगुड़ी में कई सरकारी बंगलो पहले से ही बने हुए हैं, जहां मुख्यमंत्री रह सकती थीं. उत्तरकन्या में इस बंगलो के निर्माण पर हो रहे खर्चे को अन्य कल्याणकारी मदों में खर्च किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि धन की कमी के कारण कई सरकारी परियोजनाओं का काम रूका हुआ है. बीपीएल कार्डधारी गरीब लोगों को सरकारी सहायता उपलब्ध नहीं हो रही है.
श्री दास ने कहा कि सत्ता में आने के बाद जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं एवं मंत्रियों के एक-पर-एक आचरण सामने आ रहे हैं उससे अब किसी को आश्चर्य नहीं हो रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गरीबों के कल्याण के लिए राजनीति में आयी थीं, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह अपने लक्ष्य से भटक गयीं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ममता बनर्जी सिर्फ दिखावे के लिए हवाई चप्पल पहनती हैं. वह भले ही अपने पास रुपये नहीं रखती हों, लेकिन उनके सभी रिश्तेदार सत्ता में आने के बाद करोड़पति बन गये हैं. उन्होंने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के नाम करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदी है.