मालदा: पुलिस-प्रशासन से अनुमति लिये जाने के बावजूद पुलिस ने वाम मोरचा का शांतिपूर्ण रूप से किये जा रहे धरने को तोड़ दिया. साथ ही वाम मोरचा के नेताओं के खिलाफ मामला भी दर्ज किया.
राज्य सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर 19 सितंबर शाम चार बजे से 20 सितंबर शाम चार बजे तक जिला वाम मोरचा धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम बनाया था. इसके तहत गुरुवार शाम चार बजे से मालदा शहर के फोयाड़ा मोड़ स्थित पुराने अस्पताल के गेट के सामने मंच बना कर जिला वाम मोरचा ने धरना प्रदर्शन शुरू किया था. धरना प्रदर्शन के दौरान रात आठ बजे अचानक इंग्लिशबाजार थाना पुलिस वहां पहुंची और वाम नेताओं को धरना सभा तोड़ने को कहा. माकपा के जिला सचिव अंबर मित्र ने बताया कि पुलिस ने हम पर झूठा आरोप लगाते हुए कहा कि बिना अनुमति के सभा की जा रही है. पुलिस के कहने पर हमें माइक बंद कर देनी पड़ी.
धरना प्रदर्शन समाप्त करना पड़ा. आज सुबह साढ़े 10 बजे मालदा शहर के रथबाड़ी में सभा करनी पड़ी. दूसरी ओर, माकपा की सभा भंग की घटना को लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी तीव्र निंदा की. कांग्रेस की जिलाध्यक्ष मौसम नूर ने बताया कि राज्यभर में विपक्षियों आवाज दमन करने की कोशिश की जा रही है. मालदा का जिला-प्रशासन भी इससे अछूत नहीं है.
भाजपा के जिलाध्यक्ष शिवेंदु शेखर राय ने बताया कि सत्ता में आकर यह सरकार जो मरजी कर रही है. इधर, इंग्लिशबाजार थाना की पुलिस का कहना है कि वाम मोरचा ने सभा के लिए अनुमति नहीं ली थी. वाम मोरचा के खिलाफ अवैध रूप से सभा करने के लिए 283 आइपीसी व 32 पुलिस एक्ट के तहत मामला दायर किया गया है. वाम मोरचा के गौतम गुप्ता, सर्वानंद पांडेय, कौशिक मिश्र, शुभद्वीप सान्याल, दोलन चाकी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी है.