कालचीनी : डुआर्स के बंद चाय के एक और बीमार श्रमिक की मौत हो गयी. पैसे न होने की वजह से इलाज के अभाव में कालचीनी चाय बागान इलाके के एक श्रमिक की मौत से पूरे इलाके मातम छा गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी चाय बागान विगत लगभग 2 महीने से बंद पड़ा हुआ हैं.
Advertisement
फिर एक बीमार श्रमिक की मौत
कालचीनी : डुआर्स के बंद चाय के एक और बीमार श्रमिक की मौत हो गयी. पैसे न होने की वजह से इलाज के अभाव में कालचीनी चाय बागान इलाके के एक श्रमिक की मौत से पूरे इलाके मातम छा गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी चाय बागान विगत लगभग 2 महीने से […]
जिसके पश्चात यहां के श्रमिकों की स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है. काफी संख्या में श्रमिक काम की तलाश में बाहर जा चुके हैं. दुःख की बात यह है कि प्रशासन के लाख वादे के बावजूद भी बागान में चिकित्सा के अभाव में श्रमिकों के मौत की घटना लगातार हो रही है.
बताया गया है कि शुक्रवार की सुबह चिकित्सा के अभाव में बागान के गोदाम लाईन निवासी संजय उरांव (46) श्रमिक की मौत हो गई. संजय विगत कुछ दिनों से बीमार थे एवं परिवारवाले उन्हें उत्तर लताबाड़ी ग्रामीण अस्पताल ले गए, जहां से अलीपुरदुआर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.
वहीं जिला अस्पताल में चिकित्सा के पश्चात श्रमिक संजय उरांव को सिलीगुड़ी मेडिकल कॉलेज ले जाने को कहा गया. लेकिन परिवारवाले के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे उन्हें इलाज के लिए कहीं और ले जा सकें. जिसके कारण चिकित्सा के अभाव में घर पर लाचार पड़े उनकी मौत हो गई.
इस विषय पर मृतक श्रमिक का बेटा दुर्गन उरांव ने बताया कि मेरे पिता कुछ दिनों से बीमार थे. उन्हें पहले उत्तर लताबड़ी ग्रामीण अस्पताल ले गया, जहां से रेफर के बाद अलीपुरदुआर जिला अस्पताल ले गये. वहां चिकित्सकों ने सिलीगुड़ी मेडिकल कॉलेज में ले जाने को कहा.
लेकिन पैसे के अभाव में उन्हें घर लेकर वापस लौट आये. शनिवार की सुबह उनकी मौत हो गयी. बेटी दुर्गा उरांव ने कहा कि बागान बंद होने के कारण मेरी मां भी बाहर काम करने चली गई है. उन्होंने कहा कि आज अगर बागान बंद नहीं होता तो मेरी माता और पिता दोनों हमारे साथ रहते.
वहीं इस विषय पर कालचीनी चाय बागान तृणमूल मजदूर यूनियन संगठन के सह सचिव ओम दास लोहार ने बताया कि जबसे कालचीनी और राईमाटांग चाय बागान बंद हुआ है, तब से बागान में मजदूरों की मौत की लाईन लग चुकी है. बागान बंद होने के बाद यह लगाकर बागान में पांच से छह ऐसी मौतें हो चुकी है.
बागान नहीं खुला तो ना जाने कितने ऐसे श्रमिक परिवार के सदस्य मारे जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन के ओर से आश्वासन तो मिलता है कि ये कर रहे हैं, वो कर रहे रहे हैं लेकिन अब तक बंद कालचीनी चाय बागान में किसी एक मेडिकल कैंप का भी व्यवस्था नहीं किया गया हैं.
वहीं अखिल भारतीय आदिवासी सदन महासभा संगठन के केंद्रीय कमेटी के अध्यक्ष हरि कुजूर ने बताया कि कालचीनी चाय बागान मुख्य रूप से काली पूजा के वक्त से बंद पड़ा हुआ है. यहां के श्रमिकों को रोजगार नहीं है.
उनके पास खाने के लिए पैसा नहीं है तो अपना इलाज कैसे करा पाएंगे. उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों पहले भी इसी चाय बागान के दिवारी मुंडा नामक श्रमिक की मौत चिकित्सा के आभाव में हुई थी. आज फिर चिकित्सा के अभाव में एक और श्रमिक की मौत की मौत हो गयी और ना जाने बागान में कितने ऐसे मौतें होती रहेगी.
कालचीनी उत्तर लताबाड़ी रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन असीम मजूमदार ने बताया कि बंद चाय बागान में श्रमिकों के मरने की घटना हमने पहली भी देखी है. यह बेहद ही दुःखजनक घटना है. उन्होंने कहा कि इस विषय को देखकर हम बीएमएचओ और सीएमएचओ से निवेदन करेंगे कि समस्त बंद चाय बागान के श्रमिकों के घरों में को जाकर एक सर्वे करके जो-जो बीमार है, उसका एक लिस्ट जारी किया जाये.
ताकि यह पता चल पाये कि किन-किन घरों में कौन श्रमिक किस रोग से पीड़ित है. जब तक हमें ऐसी जानकारी नहीं मिलेगी तो मौत को रोक पाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा हम डीएमएचओ और बीडीयो के साथ जल्द ही बातचीत करेंगे ताकि ऐसी घटना रोकने हेतु कुछ व्यवस्था किया जाये.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement