सिलीगुड़ी को जिला बनाने के लिए आंदोलन की तैयारी
सिलीगुड़ी : जलपाईगुड़ी जिले से अलग कर अलीपुरद्वार को नया जिला बनाने के बाद सिलीगुड़ी को भी दार्जिलिंग से अलग कर नया जिला बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. बृहत्तर सिलीगुड़ी नागरिक मंच ने सिलीगुड़ी सब डिवीजन के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिला कर सिलीगुड़ी को अलग जिला बनाने की मांग की है.
आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंच के अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने बताया कि कोलकाता के बाद सिलीगुड़ी से सबसे अधिक राजस्व की उगाही राज्य सरकार करती है. उसके बावजूद सिलीगुड़ी को जिला नहीं बनाना अपने आप में आश्चर्य है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी के नागरिक को किसी भी काम के लिए या तो दार्जिलिंग या फिर जलपाईगुड़ी जाना पड़ता है. इससे लोगों को काफी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो के दौरान सिलीगुड़ी का तेजी से विकास हुआ है. सिलीगुड़ी नगरपालिका को सिलीगुड़ी नगर निगम में तब्दील कर दिया गया. इसके अलावा यहां पुलिस कमिश्नरेट का भी गठन किया गया है.
ऐसे में स्वाभाविक तौर पर सिलीगुड़ी को अलग से जिला बनाया जाना चाहिए. संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि सिलीगुड़ी की बड़ी अजीब स्थिति है. सिलीगुड़ी के 47 वार्डो में से 16 वार्ड के लोगों को किसी भी काम के लिए जलपाईगुड़ी का चक्कर काटना पड़ता है जबकि बाकी बचे अन्य वार्डो के लोग दार्जिलिंग जाते हैं. सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग जाने में करीब चार घंटे से भी अधिक समय लगता है और वहां आये दिन किसी न किसी वजह से आंदोलन और बंद जैसी गतिविधियां होने के कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाती है. उन्होंने सिलीगुड़ी को जिला बनाने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन की धमकी दी. इस मुद्दे को लेकर 11 जुलाई को सिलीगुड़ी में एक नागरिक सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है. इसमें समाज के सभी स्तर के लोग शामिल होंगे.
नया थाना बनाने का सुझाव
वर्ष 2011 में सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने जलपाईगुड़ी जिले के अंतर्गत भक्तिनगर थाने को दो भागों में विभक्त करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था. उन्होंने भक्तिनगर के साथ ही एनजेपी को अलग से थाना बनाने का प्रस्ताव दिया था. इसके अलावा हाल ही में वर्तमान पुलिस क मिश्नर जगमोहन ने भक्तिनगर के अतिरिक्त आम बाड़ी, एनजेपी तथा आशीघर में नया थाना बनाने का सुझाव राज्य सरकार को दिया है. इसी से इस शहर के महत्व का पता चलता है. ऐसे में सिलीगुड़ी को अलग से जिला बनाने की जरूरत है.संवाददाता सम्मेलन में मंच के सचिव रतन वणिक, समीर सिंह राय, कौशिक कुशारी आदि भी उपस्थित थे.