सिलीगुड़ी: जलपाईगुड़ी जिले को दो भागों में बांट कर अलीपुरद्वार को अलग से जिला बनाने की घोषणा के बाद सिलीगुड़ी को भी अलग से जिला बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है.
न केवल आम लोग, बल्कि कई राजनीतिक दलों के नेता भी सिलीगुड़ी को अलग जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. सिलीगुड़ी को पूवरेत्तर का प्रवेश द्वार कहा जाता है.
आम लोग सिलीगुड़ी को उत्तर बंगाल की अघोषित राजधानी भी कहते हैं. ढांचागत सुविधाओं के मामले में भी सिलीगुड़ी कोलकाता के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है. उसके बावजूद सिलीगुड़ी अब तक एक महकमा बन कर ही रह गया है. सिलीगुड़ी के लोगों को किसी भी कार्य के लिए या तो दाजिर्लिंग या फिर जलपाईगुड़ी का चक्कर काटना पड़ता है.
एक जिले में दो-दो जिला अस्पताल
उन्होंने राज्य सरकार पर आम लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दाजिर्लिंग जिला राज्य में पहला ऐसा जिला है जहां दो-दो जिला अस्पताल है. उन्होंने कहा कि दाजिर्लिंग के अस्पताल को पहले से ही जिला अस्पताल का दरजा मिला हुआ है. जबकि हाल ही में राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी सरकारी अस्पताल को जिला अस्पताल का दरजा दे दिया. इस अस्पताल का सिर्फ दरजा ही बढ़ा है, जबकि चिकित्सा सुविधा का स्तर नहीं बढ़ा. उन्होंने कहा कि ऐसा आम लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए राज्य सरकार ने किया है. श्री दास ने आगे कहा कि सिलीगुड़ी को अलग से जिला बनाने की मांग को लेकर वह बड़े पैमाने पर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. राज्य भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा शीघ्र ही सिलीगुड़ी आयेंगे और उनसे विचार-विमर्श कर आंदोलन की रूप रेखा तय की जायेगी.