Advertisement
गोल्डन गर्ल का अगला लक्ष्य ओलिंपिक में गोल्ड, केपीपी ने दिया एक लाख रूरुपये का नगद इनाम
सिलीगुड़ी : एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतन के बाद गोल्डन गर्ल स्वप्ना बर्मन शुक्रवार को अपने पैतृक गांव जलपाईगुड़ी के पातकाटा ग्राम पंचायत के अधीन घोषपाड़ा लौटी. इससे पहले सिलीगुड़ी में स्वपना का भव्य स्वागत किया. सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब की ओर से स्वपना को सम्मानित भी किया गया. यहां बता दें कि स्वपना के […]
सिलीगुड़ी : एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतन के बाद गोल्डन गर्ल स्वप्ना बर्मन शुक्रवार को अपने पैतृक गांव जलपाईगुड़ी के पातकाटा ग्राम पंचायत के अधीन घोषपाड़ा लौटी. इससे पहले सिलीगुड़ी में स्वपना का भव्य स्वागत किया. सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब की ओर से स्वपना को सम्मानित भी किया गया.
यहां बता दें कि स्वपना के पिता पेशे से रिक्शा चालक है. गरीबी में पली-बढ़ी स्वपना ने अपने अंदर के आत्मविश्वास को कम नहीं होने दिया. इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित 18वें एशियाई खेल में हेप्टाथलन स्पर्धा में सोना जीतने वाली स्वप्ना भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी. स्वप्ना ने 7 स्पर्धाओं में कुल 6026 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल कर देश का नाम गर्व से उंचा कर दिया.
घर वापसी से पहले सिलीगुड़ी में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान स्वप्ना ने बताया कि उसकी जीत का श्रेय उनके परिवार तथा कोच सुभाष सरकार को जाता है. क्योंकि परिवार के सहयोग तथा कोच के प्रयास के बगैर उसके लिए ये सब संभव नहीं था. स्वप्ना ने बताया कि एशियन गेम्स में जाने से पहले उसने नेशनल लेवल के खेलों में भी सोना जीता है. अब वह ओलम्पिक खेलों में देश के लिए सोना लाने की योजना बना रही है.
स्वपना ने बताया कि 200 मीटर तथा 800 मीटर रेस में उसका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं है. जिसे लेकर वह मेहनत कर रही है.
इलाके में उत्सव जैसा माहौल
इसबीच, हमारे जलपाईगुड़ी संवाददाता के अनुसार स्वपना शुक्रवार शाम को अपने घर पहुंच गई है. जलपाईगुड़ी स्पोर्ट्स कंपलेक्स से गाजे-बाजे के साथ स्वपना का काफिला अपने घर की ओर रवाना हुआ. पूरे इलाके में उत्सव जैसा माहौल था. ढोल तथा ढ़ाक की धुन पर स्वपना का काफिला धीरे-धीरे घोषपाड़ा की ओर बढ़ने लगा सभी लोग खुश थे.
मां वासना बर्मन सुबह से ही बेटी का इंतजार कर रही थी. कल शनिवार सुबह से ही शहर में विभिन्न स्थानों पर स्वपना को सम्मानित करने का क्रम भी शुरू हो जाएगा. सरकारी तथा गैर सरकारी स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.सोमवार को स्वपना कोलकाता जायेगी.
रेलवे और ओएनजीसी से नौकरी का ऑफर
एशियन गेम्स में सोना जीतने का मकसद देश का नाम उंचा करना तो था ही,लेकिन परिवार में नौकरी की भी उतनी ही आवश्यकता थी. क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. इसके बावजूद परिवार वालों ने कभी उसका हौसला गिरने नहीं दिया. स्वपना ने बताया कि एशियन गेम्स से लौटने के बाद उसके पास रेलवे तथा ओएनजीसी से नौकरी का प्रस्ताव आया है.
लेकिन अभी तक फैसला नहीं लिया है कि वह किस ओर रुख करे. उसने आगे बताया कि आज वह 11 महीने बाद अपना पैतृक गांव वापस लौट रही है. जहां वह अपनी मां से मिलेगी. जिसे लेकर वह काफी उत्साहित है. संवाददाता सम्मेलन में भारतीय खेल प्राधिकरण की ओर से वासेव अहमद, उज्जल सरकार व अन्य उपस्थित थे.
इससे पहले माटीगाड़ा के टिकनीकाटा में भी स्वपना का भव्य स्वागत किया गया. यहां केपीपी के सांस्कृतिक मंच की ओर से एक विशेष समारोह का भी आयोजन किया गया था. जहां केपीपी अध्यक्ष अतुल राय ने स्वपना को एक लाख तथा उसके कोच को 50 हजार रूपये का नगद इनाम दिया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement